धनबाद(DHANBAD): झारखंड के कुछ रेलवे स्टेशन सहित अगल-बगल के बंगाल के स्टेशनों पर अपराधी अपराध तो कर सकते हैं, लेकिन उसके बाद बचकर निकल नहीं सकते. इसकी ठोस व्यवस्था की जा रही है. आसनसोल रेल मंडल के लगभग सभी स्टेशनों पर कुख्यात अपराधियों की धर- पकड़ के लिए फेस रिकॉग्निशन सिस्टम काम करेगा. इससे अपराधियों का बच निकलना मुश्किल हो जाएगा. कैमरे की जद में आते ही अपराधियों की पहचान हो जाएगी. इसके लिए आसनसोल रेल मंडल के स्टेशनों पर चेहरा पहचान प्रणाली लगाई जा रही है. दरअसल, आसनसोल मंडल में अमृत भारत योजना के तहत बहुत सारे स्टेशनों को विकसित किया जा रहा है.
53 रेलवे स्टेशनों में फेस रिकॉग्निशन सिस्टम कैमरा की तैयारी
इसी के मद्देनजर सुरक्षा विभाग की ओर से पूरे मंडल में यात्री सुरक्षा को लेकर आसनसोल रेल मंडल की ओर से 53 रेलवे स्टेशनों में फेस रिकॉग्निशन सिस्टम कैमरा लगाया जा रहा है. पहले चरण में कुछ महत्वपूर्ण स्टेशनों पर लगाया जा रहा है. फेस रिकॉग्निशन एक एल्गोरिथम आधारित तकनीक है, जो किसी व्यक्ति के चेहरे की विशेषताओं की पहचान और मानचित्रण करके चेहरे का एक डिजिटल नक्शा बनाता है. अपराधियों पर नकेल कसने के लिए अब तकनीक का इस्तेमाल होगा. सॉफ्टवेयर में लोड फोटो वाला कोई अपराधी अगर स्टेशन में प्रवेश करते हैं, तो सीसीटीवी कैमरा के माध्यम से उनकी तस्वीर कैमरा में कैद होगी. तुरंत इसकी जानकारी कंट्रोल रूम को वह ब तायेगा. इस प्रकार कोई अपराधी स्टेशन में प्रवेश किया है, तो उसकी तुरंत जानकारी मिल जाएगी. कोई बड़ा अपराधी दूसरे मंडल में भी जाकर अगर कोई अपराध की घटना को अंजाम देता है, तो दूसरे मंडल के साथ भी संपर्क में रहने पर अपराधी को पकड़ने में मदद मिल सकती है.
प्रथम चरण में इन स्टशनों पर होगा इंतजाम
प्रथम चरण में जसीडीह, देवघर, बासुकीनाथ में इसका ट्रायल किया जाएगा और यह ट्रायल सावन के मेला से शुरू होगा. सावन मेला के दौरान जसीडीह और अन्य स्टेशनों पर काफी भीड़ होने के कारण अपराधियों की पहचान करने में सुविधा होगी. जानकारी के अनुसार फिलहाल श्रावणी मेले में जसीडीह, जामताड़ा, देवघर, चितरंजन, मधुपुर, अंडाल, आसनसोल, रानीगंज, दुर्गापुर सहित कई महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन पर यह सिस्टम लगाया जाएगा. रेलवे स्टेशनों पर अपराधियों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने में इससे काफी सहायता मिलेगी. यह सिस्टम अगर पूरी तरह से काम करने लगे, तो अपराध पर बहुत नियंत्रण पाया जा सकता है. यह बात भी सच है कि तकनीक के इस जमाने में अपराधी भी पुलिस से अधिक सक्षम हो गए है. लेकिन अब आसनसोल रेल मंडल में तकनीक का इस्तेमाल कर अपराधियों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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