धनबाद(DHANBAD) : जिस महिला नक्सली को झारखंड पुलिस दो दशक से ढूंढ रही थी, वह धनबाद में इलाज कराते पुलिस के हाथ लग गई. इस गिरफ्तारी से झारखंड पुलिस उत्साहित है और एक करोड रुपए के इनामी नक्सली तक पहुंचने के लिए घेराबंदी कर रही है.
प्रयाग माझी को झारखंड के साथ-साथ कई राज्यों की पुलिस ढूंढ रही
महिला नक्सलीअसाध्य रोग से पीड़ित है. आई थी बीमारी का इलाज कराने लेकिन गिरफ्तार हो गई .पुलिस ने उसे धनबाद के एक अस्पताल से गिरफ्तार किया. तीन दिन पहले वह एक साधारण महिला की तरह इलाज कराने अस्पताल में पहुंची थी. वह मोस्ट वांटेड नक्सली और एक करोड़ के इनामी प्रयाग माझी उर्फ विवेक की पत्नी जया है. उसके साथ आए तीन अन्य को भी हिरासत में लिया गया है. पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है. प्रयाग माझी को झारखंड के साथ-साथ कई राज्यों की पुलिस ढूंढ रही है. प्रयाग माझी टुंडी थाना क्षेत्र के धनबाद गिरिडीह जिले के सीमावर्ती गांव दल्लू गौड़ा का रहने वाला है. प्रयाग के साथ-साथ उसकी पत्नी जया भी नक्सली गतिविधियों में शामिल रही है. जया के अस्पताल में इलाज करने की सूचना पर पुलिस टीम ने उसे दबोच लिया है. वह गुपचुप तरीके से इलाज कराने पहुंची थी. पुलिस टीम ने अस्पताल में दविश देकर जया समेत तीन अन्य को भी पकड़ा है. पुलिस अभिरक्षा में जया का इलाज कराया जा रहा है. जानकारी निकलकर आ रही है कि जया के खिलाफ धनबाद जिले में किसी अपराध में स्पष्ट तौर पर संलिप्तता नहीं होने के कारण धनबाद पुलिस उसे गिरिडीह पुलिस के हवाले कर सकती है.
जया की गिरफ्तारी के बाद पुलिस प्रयाग तक पहुंचने की करेगी कोशिश
जानकारी के मुताबिक जया पर भी राज्य सरकार ने 25 लाख का इनाम घोषित किया था. लेकिन हाल के दिनों में उसकी गतिविधियां बहुत कम हो गई थी. इसलिए सरकार ने जया पर घोषित इनाम को स्थगित कर दिया गया था. 1980 में नक्सलवाद की दुनिया में कदम रखने वाला प्रयाग भाकपा माओवादी की केंद्रीय कमेटी का सदस्य है .पारसनाथ, छत्तीसगढ़, झुमरा, बिहार से लेकर बंगाल में वह रह चुका है. बरसों से वह संगठन के लिए काम कर रहा है. उसके खिलाफ गिरिडीह जिले में कई मामले दर्ज हैं .सरकार ने उस पर एक करोड रुपए का इनाम भी रखा है. जया की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को भरोसा है कि प्रयाग तक पहुंचने में उसे सहूलियत होगी. प्रयाग माझी की गिरफ्तारी के लिए चौतरफा घेराबंदी की जा रही है.
झारखंड पुलिस प्रयाग माझी के अलावा जया को पकड़ने के लिए दो दशक से प्रयास कर रही
सूत्र बताते हैं कि जया की गिरफ्तारी से महिला विंग के साथ संगठन को बड़ा झटका लगा है. झारखंड पुलिस प्रयाग माझी के अलावा जया को पकड़ने के लिए दो दशक से प्रयास कर रही थी. दोनों के ठिकानों का पता नहीं चल पा रहा था. बताया जा रहा है कि जया फिलहाल गुमनाम जिंदगी जी रही थी. उसकी किसी भी तरह की गतिविधि की जानकारी किसी को नहीं मिल रही थी. पुलिस ढूंढ जरूर रही थी लेकिन कोई लोकेशन नहीं मिल रहा था.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
4+