धनबाद(DHANBAD): धनबाद के कतरास में 15 जुलाई 1998 को विनोद सिंह की हत्या की गई थी. हत्या में A K-47 के मुंह खोल दिए गए थे.अंधाधुंध फायरिंग की गई थी. सिंह मेंशन के रामधीर सिंह को इस हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा हुई है. 22 फरवरी 2017 को रामधीर सिंह फरारी के बाद कोर्ट में सरेंडर किया था और उसके बाद से ही रांची के होटवार जेल में बंद हैं. इस सजा के खिलाफ रामधीर सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. शुक्रवार को अंतिम सुनवाई हो गई है. हाई कोर्ट के डबल बेंच ने इस मामले की सुनवाई की है. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.
हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी है सबकी नजर
रामधीर सिंह ने झारखंड हाईकोर्ट में विनोद सिंह हत्याकांड में सेशन कोर्ट से मिले उम्र कैद की सजा को चुनौती देते हुए याचिका दायर की है. 15 जुलाई 1998 को कतरास के शहीद भगत सिंह चौक के पास सकलदेव सिंह के भाई विनोद सिंह व उनके चालक मन्नू अंसारी पर अंधाधुंध फायरिंग कर मौत के घाट उतार दिया गया था .18 अप्रैल 2015 को रामधीर सिंह की गैर मौजूदगी में धनबाद के सत्र न्यायालय ने विनोद सिंह और उनके चालक की हत्या में रामधीर सिंह को उम्र कैद की सजा सुनाई थी. लगभग 22 महीने फरार रहने के बाद 20 फरवरी 2017 को रामधीर सिंह ने धनबाद कोर्ट में सरेंडर किया था और उसके बाद से जेल में हैं .हाई कोर्ट का क्या फैसला आता है ,इस पर धनबाद से लेकर यूपी तक की नजर टिकी हुई है.
रामधीर सिंह बलिया के पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष रह चुके हैं. सिंह मेंशन के वह मजबूत स्तंभ माने जाते हैं. उनकी गैर मौजूदगी में सिंह मेंशन का कुनबा भी बिखर रहा है. सूर्य देव सिंह स्थापित जनता मजदूर संघ भी अब तीन टुकड़ों में बट गया है. कोयलांचल की राजनीति में जनता मजदूर संघ की जो हनक थी, वह भी पारिवारिक विवाद के कारण कमजोर होती जा रही है. रामधीर सिंह के भतीजे व झरिया के पूर्व भाजपा विधायक संजीव सिंह फिलहाल अपने चचेरे भाई पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्याकांड में जेल में है. फिलहाल स्वास्थ्य कारणों से वह रांची रिम्स में भर्ती हैं. बहरहाल, हाई कोर्ट के फैसले पर सब की निगाहें टिकी हुई है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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