धनबाद(DHANBAD) : रेलवे अब धीरे-धीरे कागज के टिकट को खत्म कर रहा है. देश के विभिन्न हिस्सों में चल रहे रेलवे के 14 प्रिंटिंग प्रेस को बंद करने का निर्णय लिया जा चुका है. तर्क दिया गया है कि 80 परसेंट से अधिक लोग ऑनलाइन टिकट ले रहे हैं, ऐसे में कागज के टिकट का औचित्य नहीं रह गया है. एक बार तो नहीं लेकिन धीरे-धीरे इसे खत्म कर दिया जाएगा. इसी बीच रविवार की सुबह धनबाद रेल रिजर्वेशन काउंटर पर तत्काल टिकट के लिए हंगामा मचा हुआ था. तत्काल टिकट के लिए एक दिन पहले शाम को रिजर्वेशन परिसर में रखे एक सादे कागज पर लोग अपना नाम अंकित करते है. यह सदा कागज रेलवे प्रोवाइड कराता है. लोगों के अनुसार यह व्यवस्था चली आ रही है, जो लोग सुबह पहुंचते हैं, वह भी अपना नाम अंकित करते है.
दो लिस्ट को लेकर हुआ हंगामा
हंगामा करने वाले लोगों के अनुसार सुबह 4 बजे पहुंचे लोगों ने वहां जब सादा कागज नहीं देखा तो दूसरे कागज पर लिस्ट तैयार कर ली. पहले वाली लिस्ट किसी ने अपने बैग में रखा था. सुबह सुबह जब रोज की भांति आरपीएफ के अधिकारी पहुंचे तो लोगों ने उन्हें दो लिस्ट दे दिया और इसी से आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया. जिसको लेकर हंगामा मच गया. पुलिस ने लोगों को शांत कराया और लिस्ट लेकर अंदर चली गई. और फिर अपने ढंग से तीसरी लिस्ट बनाकर बाहर आई और चार काउंटर पर वितरित कर दी. लोगों का आरोप है कि प्रत्येक काउंटर से सिर्फ एक -दो लोगों को ही टिकट मिल पाया, बाकी लोग निराश लौट गए. मतलब कि आज भी तत्काल टिकट के लिए लोगों की लाइन लगती है. लोग सुबह- सुबह नींद में खलल डालकर पहुंचते हैं और टिकट कटाते हैं, दूसरी ओर रेलवे का कहना है कि कागज के टिकट का कोई औचित्य ही नहीं रह गया है. लोग यह भी कह रहे थे कि रेलवे को कागज टांगने के वजाय टोकन देना चाहिए.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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