इस गांव में लड़के-लड़की की शादी क्यों नहीं करना चाहते हैं लोग, पढ़िए पूरी खबर


धनबाद(DHANBAD) - देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. लेकिन धनबाद जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर रघुवाडीह एक ऐसा गांव है, जहां आज भी गांव वालों को अपने बच्चे -बच्चियों की शादी करना मुश्किल है. जाने को सड़क नहीं है और बीमार आज भी डोली या खाट पर अस्पताल ले जाये जाते है. जहां भी संपर्क करते हैं. लोग टका सा जवाब देते हैं कि गांव में जाने को सड़क नहीं है ,वहां हम अपनी लड़की को क्यों भेजेंगे.
इतना ही नहीं, आज गांव में अगर कोई बीमार पड़ता है तो डोली या खाट पर उसे टांग कर दो किलोमीटर तक ले जाया जाता है. तब मुख्य सड़क से गाड़ी से अस्पताल पहुंचाया जाता है. यह गांव सिंदरी विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है तथा बरवड्डा थाना का इलाका है. गांव वालों की माने तो चुनाव के समय नेता आते हैं और कहते हैं कि वोट दे दीजिए, हम सड़क बनवा देंगे लेकिन उसके बाद फिर अगले चुनाव में ही नजर आते है. गांव वालों की पीड़ा है कि छोटे-छोटे बच्चों को स्कूल नहीं भेज पाते क्योंकि खेत के आड़ से आना जाना होता है. बीच-बीच में नाले भी बहते है. नाले में कमर भर पानी रहता है. ऐसे में बच्चों के बह जाने का खतरा है, इसलिए बच्चों को स्कूल भी नहीं भेजते है.
यह गांव बड़का नाला पहाड़ के ठीक तलहटी में बसा हुआ है. जानकारी के अनुसार अपने आंदोलन के दिनों में दिशोम गुरु शिबू इस इलाके में आया -जाया करते थे. बुजुर्ग महिला ने बताया कि चार पीढ़ी से वह लोग इसी तरह रह रहे है. एक शादीशुदा महिला ने तो यहां तक कह दिया कि जब वह शादी कर इस गांव में आई तो उसे काफी आश्चर्य हुआ, तकलीफ हुआ कि उसके माता-पिता किस जगह पर उसकी शादी कर दी है, जहां खाट या डोली पर मरीज को अस्पताल ले जाया जाता है.
रिपोर्ट : शाम्भवी सिंह के साथ प्रकाश
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