धनबाद(DHANBAD): 2024 लोकसभा चुनाव के वोटो की गिनती चल रही है. राजनीतिक दलों की सांसे अटकी हुई है. साथ ही साथ सरकार बनाने -बिगाड़ने का भी "खेल" शुरू हो गया है. इधर, पता चला है कि कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस्तीफा मांग लिया है. कहा है कि भाजपा को अकेले दम पर बहुमत नहीं आ रहा है. इस बीच चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार बड़े फैक्टर बनकर उभरे है. कहा जाता है कि TDP -JDU किसी का भी खेल बना और बिगाड़ सकते है. जैसी की सूचना है, प्रधानमंत्री ने स्वयं चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार से फोन पर बातचीत की है. राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा होती रही है कि चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार कब क्या निर्णय लेंगे, यह सिर्फ और सिर्फ वही जान सकते है. इधर, यह भी चर्चा है कि शरद पवार ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से टेलीफोन पर बात की है. बातचीत में क्या निष्कर्ष निकला है, इसका तो खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन कयासों का बाजार गर्म है. तीन-चार दिन पहले राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा था कि देखना दिलचस्प होगा कि 5 जून को "चाचा" क्या करते है.
फिर नीतीश कुमार का यह कहना कि मेरे लिए कोई भी अछूत नहीं है. बिहार में जदयू का परफॉर्मेंस अच्छा चल रहा है. ऐसे में नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू एनडीए के लिए भी फैक्टर हो सकते हैं तो इंडिया के लिए भी "चाबी" हो सकते है. यह बात पहले से ही हवा में तैर रही थी कि चंद्रबाबू नायडू चुनाव में तो गठबंधन बनाते हैं, लेकिन चुनाव के बाद वह उस गठबंधन के साथ रहेंगे अथवा नहीं, इसकी गारंटी कोई नहीं दे सकता. नीतीश कुमार के बारे में भी यही कहा जाता है. लालू प्रसाद कहा करते थे कि नीतीश कुमार की आंत में दांत है. यह अलग बात है कि उनका नाम पलटू राम रख दिया गया है. चुनाव परिणाम आने के पहले तक यह अंदाज लगाया जा रहा था कि बिहार में जदयू का परफॉर्मेंस खराब होगा और भारतीय जनता पार्टी अच्छी सीट हासिल करेगी. लेकिन फिलहाल ऐसा संकेत दिख नहीं रहा है. नतीजा है कि एनडीए भी सरकार बनाने के प्रयास में है तो इंडिया ब्लॉक भी अपनी ताकत झोंक हुए है. एक बात और गौर करने वाली है कि दिल्ली के कांग्रेस कार्यालय में शायद पहली बार इतनी बड़ी तैयारी की गई है. पंडाल बनाये गए है. कूलर ,एसी लगाए गए है.
दिल्ली से लेकर राज्यों की राजधानी और जिला के कांग्रेस नेताओं के लिए गाइडलाइन जारी किए गए है. मतगणना खत्म होने तक डटे रहने का निर्देश जारी किया गया है. मतलब इंडिया ब्लॉक को भरोसा था कि उसे अच्छी सीटें आएंगी. तो, उधर एनडीए को तो भरोसा था ही, कि जीत एनडीए की ही होगी. अभी अंतिम परिणाम नहीं आए हैं, अभी तो सिर्फ रुझान चल रहे है. ऐसे में कई जगह उम्मीद से पलट चुनाव परिणाम आने के संकेत मिल रहे है. जिन राज्यों को स्विंग स्टेट एनडीए मान रहा था, वहां कुछ उलट फेर हुआ है. उत्तर प्रदेश में तो सबसे अधिक एनडीए को नुकसान हो रहा है. इधर, अखिलेश यादव के इस कथन में भी दम है कि कल तक जो एनडीए के साथ थे, वह सब इंडिया गठबंधन के साथ हो जाएंगे. अंतिम नतीजे आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है, लेकिन इतना तो तय है कि सरकार बनाने के लिए एनडीए और इंडिया ब्लॉक सक्रिय हो गए है. कौन इसमें सफल होता है, यह तो देखने वाली बात होगी.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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