धनबाद (DHANBAD) : लगातार आपदाओं और अपराध की घटनाओं से धनबाद सहित पूरा कोयलांचल हिल गया है. एक तरफ पुलिस की हनक खत्म हो रही है तो दूसरी ओर नागरिक सुविधाओं और व्यवस्थाओं की पोल खुल गई है. हाजरा अस्पताल अग्निकांड और आशीर्वाद टावर आगलगी कांड ने व्यवस्था की पोल पट्टी खोल कर रख दी है. बिल्डरों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. बुधवार देर शाम स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता धनबाद पहुंचे और जिन जिन बातों पर कार्रवाई या व्यवस्था में सुधार की बातें कहीं, यह सब बातें कई सालों से लोग उठाते आ रहे हैं. अखबार के पन्नों पर अगर नजर दौड़ाया जाए तो इन सब बातों को लगातार अखबार वाले भी उठाते रहे हैं. लेकिन चारों ओर चुप्पी बनी रही. इस बार भी कुछ होगा, इसे भी लोग शंका की निगाह से देख रहे हैं.
कई बिंदुओं पर होगी जांच - मंत्री
मौके पर मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि पहले तो जिस फ्लैट में आग लगी है, उसकी जांच भवन प्रमंडल करेगा कि आग लगी के कारण बिल्डिंग कमजोर तो नहीं हो गई है. उसके बाद ही लोगों को रहने की अनुमति दी जाएगी. इसके साथ ही सबसे बड़ा सवाल अभी उठा कि बड़े-बड़े टावरों की पार्किंग को बेचकर बिल्डरों ने धोखा किया है. इसकी भी जांच की जाएगी. नक्शा पास करने वालों पर भी सवाल दागे गए हैं. फायर ब्रिगेड को हाइड्रोलिक सीढ़ी देने की भी बात हुई है. देखना है आगे धनबाद को यह सब सुविधाएं मिलती हैं , या यह सब केवल राजनीतिक बातें होकर रह जाती हैं. जब धनबाद में 12 से 15 तल्ले का नक्शा पास किया जाता है, तो सुरक्षा मानक का ध्यान कैसे रखा जाता है, यह सवाल भी अब उठेगा. क्योंकि इस मामले में हाईकोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया है. धनबाद के बड़े बड़े भवनों की बात की जाए तो पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है. मार्केट कंपलेक्स भी जो बने हैं, उनका बेसमेंट बेच दिया गया है. पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है. वाहन सड़क पर लगते हैं. सड़क पर ही नगर निगम का वाहन पड़ाव भी है, जिसकी नीलामी तक होती है. अब मंत्री ने कहा है कि जब तक सब बातों की समीक्षा नहीं हो जाएगी, तब तक नक्शा पास नहीं होंगे. नक्शा पास करने वालों से भी जवाब तलब किया जाएगा. आशीर्वाद टावर अग्निकांड ने धनबाद को ऐसा दुख दिया है जिसके घाव भरने में सालों साल लग जाएंगे. जिन लोगों ने आशीर्वाद टावर में फ्लैट खरीदा है, उन्हें क्या मालूम कि उन्हें दूसरी जगह आश्रय लेना पड़ेगा.
गुरुद्वारा में रह रहे लोग
फ्लैट अभी सील है. लोग दूसरी जगहों पर शरण लिए हुए हैं. धनबाद के गुरुद्वारे में आश्रय लेने वालों की संख्या सबसे अधिक है. गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भी उनके हर सुख सुविधा का ख्याल रख रही है. लेकिन यहां सवाल फिर वही खड़ा होता है कि आखिर धनबाद को हो क्या गया है, किसकी नजर लग गई है, एक तरफ आपदा की घटनाएं हो रही हैं दूसरी ओर अपराधी बेखौफ हैं. लगातार हत्याएं हो रही हैं. हत्यारे सुबह शाम लोगों की जानें ले रहे हैं, धमकी दे रहे हैं. इधर,आपदा की घटनाएं लोगों को असमय मौत के मुंह में खींच रही है. स्थितियां बन गई है कि एंबुलेंस जब सड़कों पर दौड़ती है तो लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं. भय के इस माहौल में 4 फरवरी को झारखंड मुक्ति मोर्चा का स्थापना दिवस भी धनबाद में मनेगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी धनबाद पहुंचेंगे. देखना होगा कि धनबाद की इस हालत पर क्या कुछ ठोस कार्रवाई और इंतजाम किए जाते हैं ,या कोयलांचल को भगवान भरोसे छोड़ दिया जाता है.
रिपोर्ट : सत्यभूषण सिंह, धनबाद
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