पलामू(PALAMU): रबीउल अव्वल का पवित्र महीना शुरू हो गया है. इस महीने के आते ही पूरी दुनिया के मुसलमानो मे एक अलग तरह़ की खुशी और उत्साह नज़र आ रहा है, क्यूँ कि इसी महीने की 12वीं तारीख़ को अरब की धरती पर आज से साढ़े चौदह सौ वर्ष पहले इस्लाम के पैगंबर हज़रत मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पैदा हुए थे.पैगंबर हज़रत मुहम्मद के दुनिया मे आने से पहले अरब के ह़ालात बहुत ख़राब थे जैसा के इतिहास में मौजूद है. हर तरफ ज़ुल्म, अत्याचार, भेद भाव जैसी स्थिति थी मग़र हज़रत मुहम्मद आए तो हर वर्ग के लोगों के साथ बराबरी और समानता का व्यवहार किया. अच्छे चरित्र की वजह से लोग उनके दिन और मजहब में शामिल होने लगे और देखते देखते पूरी दुनिया में हज़रत मुहम्मद के अनुयायियों की संख्या बढ़ने लगी.
हैदर नगर बड़ी मस्जिद के पेश इमाम अहमद अली खान रज़वी ने कहा कि पुरी दुनिया का मुस्लिम समुदाय इस दिन को अपने पर्व के रूप में पूरे हर्ष और उल्लास के साथ मनाता है. उन्होंने कहा कि इस दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है. मगर इस्लाम धर्म में उसी ख़ुशी की अनुमती है जो शरीअत के अंदर हो. अगर कोई व्यक्ति इस के विरुद्ध जाता है तो वो मुजरिम घोषित होगा. उन्होंने तमाम मुस्लिम युवाओं से निवेदन किया है कि 12 रबीउल अव्वल के जुलूस ज़रूर निकालें मगर जुलूस के अंदर कोई भी ऐसा नारा ना लगाएं जिस से दूसरों की भावनाएँ आहत हों, जुलूस के दौरान दूसरों के किसी भी धार्मिक स्थल को नुक़्सान ना पहुंचाएं और सड़क जाम नहीं करें.
बहुत तेज आवाज में लाउडस्पीकर न बजाएं, जिससे बुढ़े, कमज़ोर लोगों को तकलीफ हो. उन्होंने कहा कि डीजे का उपयोग नहीं करें तो बेहतर होगा. उसकी जगह लाउड स्पीकर का ही इस्तेमाल करें.उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण मौक़े से समाज के कमज़ोर, असहाय लोगों की सहायता करें, हस्पताल जाएं और वहाँ बीमारों का हाल पूछें और उन की सहायता करें, पड़ोस के लोगों मे और कोई निर्धन और ग़रीब है तो उन के घर मे राशन भेजें, अपने रिश्तेदारों को उपहार दें. जिससे वह भी इस खुशी मे शरीक हो सकें. उन्होंने कहा कि हैदरनगर के मदरसों से भी जुलूस ए मोहम्मदी निकला जायेगा. उनका प्रयास होगा की शांति व सौहाद्र के माहौल में शालीनता के साथ जुलूस निकाला जाएगा.
4+