धनबाद(DHANBAD) | सब कुछ अगर ठीक-ठाक रहा तो गांधी परिवार में अपनी मां के बाद सबसे अधिक उम्र में प्रियंका गांधी ही सांसद बनेगी. प्रियंका गांधी देर से ही सही, लेकिन चुनावी राजनीति में उतर गई है. केरल की वायनाड सीट से उपचुनाव में उन्होंने नामांकन किया है. उनकी उम्र फिलहाल 52 वर्ष बताया जाता है. वैसे, तो प्रियंका गांधी पर्दे के पीछे से राजनीति में लंबे समय से सक्रिय रही है. 1999 के लोकसभा चुनाव में अमेठी से मां सोनिया गांधी की इलेक्शन एजेंट बनी थी. तब से उन्हें चुनावी राजनीति में आने में लगभग 25 साल लग गए. एक आंकड़े के मुताबिक 1952 में फिरोज गांधी 30 साल के उम्र में सांसद बने थे. 1964 में इंदिरा गांधी 47 साल की उम्र में सांसद बनी थी.
राजीव गांधी 1984 में 40 साल के उम्र में सांसद बने थे. सोनिया गांधी 1999 में 53 साल की उम्र में सांसद बनी थी. मेनका गांधी 1998 में 42 साल के उम्र में सांसद बनी थी. वरुण गांधी 2009 में 29 साल की उम्र में सांसद बने थे. राहुल गांधी 2004 में 34 साल के उम्र में सांसद बने थे. प्रियंका गांधी अगर वायनाड सीट जीत जाती है तो गांधी परिवार के मौजूदा तीनों सदस्य सांसद हो जाएंगे. राहुल गाँधी लोकसभा में तो मां सोनिया गांधी राज्यसभा में अभी सांसद है. यह सीट राहुल गांधी के इस्तीफा से खाली हुई है. यहां मतदान 13 नवंबर को होगा. परिणाम 23 नवंबर को आएगा. वैसे तो, प्रियंका गांधी 1999 में राजनीति में एंट्री ली थी.
तब वह अपनी मां सोनिया गांधी के लिए चुनाव प्रचार को उतरी थी. इस दौरान उन्होंने पहली बार राजनीतिक मंच से भाजपा उम्मीदवार अरुण नेहरू के खिलाफ प्रचार किया था. लेकिन इन 25 सालों में कभी ऐसा वक्त नहीं आया, जब प्रियंका गांधी ने चुनाव लड़ा हो. हालांकि उनके चुनाव लड़ने की कई बार चर्चा हुई. कांग्रेस समर्थक प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ने और पारिवारिक विरासत को आगे बढ़ाने की मांग करते रहे , लेकिन प्रियंका गांधी ने ऐसा कुछ नहीं किया. प्रियंका गांधी अपनी सूझबूझ के लिए जानी जाती है. पब्लिक कनेक्ट करना उन्हें भली भांति आता है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
4+