धनबाद(DHANBAD): देश की कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया में अभी बोनस की खूब चर्चा है. 2024 में सर्वाधिक बोनस 93,750 रुपए देने की घोषणा हुई है. कोल् इंडिया का लाभ भी इस साल अधिक हुआ है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कोल इंडिया के एक समय के अध्यक्ष रहे एसके चौधरी की पेंशन फिलहाल ₹2500 प्रति महीने से कम है. यह दावा कोल् पेंशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रामानुज प्रसाद का है. उन्होंने प्रधानमंत्री सहित सभी राजनीतिक दल, केंद्रीय ट्रेड यूनियन, सभी सामाजिक संगठन तथा प्रभावशाली नागरिकों से आग्रह किया है कि कोयला उद्योग के रिटायर्ड कर्मियों की पेंशन को बढ़ाने में मदद करे.
उनका कहना है कि रिटायर्ड कोल् पेंशनर्स की जिंदगी काफी कठिनाई में है. निम्न कैटेगरी के लोगों का पेंशन तो कम है ही, एक समय के कोल इंडिया के अध्यक्ष रहे एस के चौधरी की भी पेंशन ₹2500 प्रति महीने से कम है. दावा किया गया है कि 26 वर्षों में एक बार भी पेंशन में संशोधन नहीं हुआ है. कोयला उद्योग जोखिम भरा उद्योग है. जहां आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती है. मजदूर जान गवाते है. जब वह रिटायर्ड करते है तो उन्हें संकट में जीना पड़ता है. ऐसे उद्योग के रिटायर्ड कर्मियों को दुख भरा जीवन जीने को विवश करना देश के माथे पर बड़ा कलंक है.
उन्होंने यह भी कहा है कि कोल् इंडिया के तत्कालीन अध्यक्ष ने कोयला सचिव को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि पहले के रिटायर्ड कोल् कर्मियों की पेंशन काफी कम है. रिटायर्ड कोल् कर्मियों की पेंशन समस्या को दूर करने का उन्होंने सुझाव भी दिया था. उनका यह भी सुझाव था कि वर्तमान में रिटायर्ड कोल् कर्मियों को मिलने वाली पेंशन की कम से कम आधी राशि पहले के रिटायर्ड कर्मियों को मिले. इस काम में कोल इंडिया, मंत्रालय को सहयोग देगा. लेकिन मंत्रालय ने उनके सुझाव को अनदेखी कर दी. इस बीच लगभग एक लाख रिटायर्ड कोल् कर्मी अपनी जान गवा चुके है. उन्होंने प्रधानमंत्री सहित सभी लोगों से आग्रह किया है कि रिटायर्ड कोल् कर्मियों की पेंशन की राशि बढ़वाने में सहयोग करे.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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