टीएनपी डेस्क (Tnp desk):- 31 जनवरी की उस ठिठुरती और सर्द भरी रात को कौन भूल सकता है. उस कनकनाती ठंड में बेशक लोग नींद की आगोश में सो रहे थे. लेकिन, उसी काली रात में झारखंड की सियासत में तूफान मच गया था . तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जांच एजेंसी ईडी जमीन घोटाले के आरोप में गिरफ्तार कर जेल में भर दिया .अचानक जो शख्स सत्ता को कुछ वक्त तक पहले हांकता था, उसका सिरमौर था, शहंशाह था. उस अंधेरी ठंड भरी रात में ही सबकुछ यकायक बदल गया . वह बेबस और बेजार सरीखा दिखने लगा . हुकूमत चलाने वाला अपनी बेगुनहाई के लिए चुनौतियों के अग्निपथ पर चलने लगा और उसका सामना करने लगा. दरअसल, रांची के बड़गाई के साढ़े 8 एकड़ जमीन घोटाले के आरोप में 13 दिन की रिमांड हेमंत ने झेली और अब होटवार जेल में उनकी जगह है.
ईडी की रिमांड पर रहें हेमंत
रिमांड में हेमंत से ढेरों सवाल-जवाब हुआ . वह लगातार अपनी इससे जद्दोजहद कर उस जाल से बाहर निकलने के जुगत में हैं. इस दौरान उनके करीबियो से भी बुलाकर जवाब-तलब और पूछाताछ की गई . हेमंत के दोस्त बोले जा रहे बिनोद सिंह को भी ईडी दफ्तार बुलाया गया और उस व्हाटसेप चेट को भी खंगाला गया, जो सीएम हेमंत सोरेन के साथ बातचीत का दावा ठोका जा रहा था. कोर्ट में प्रस्तुत इस चेट में ईडी ने सत्ता के साथ सांठगांठ और दलाली का दावा किया . ट्रांसफर-पोस्टिंग से लेकर पेपर लीक के सुराग का दावा किया गया. बीएमडब्लू से घूमे हेमंत से उस कार के बारे में भी पूछा गया. इसकी तहकीकात के लिए कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू को भी तलब किया गया. अभी भी ईडी की पड़ताल जारी है और हेमंत के चल-अंचल संपत्तियों का ब्यौरा जुटाकर आगे भी अपनी तफ्तीश जारी रखे हुए हैं.
इस सवालों के बौझार के दौरान ईडी की रेड समय-समय पर पड़ती रही, जमीन कारोबारी रमेश गोप और हिलिरियस कच्छप के यहां भी छापे पड़े . यानि एक जमीन घोटाले से कई नाम सामने आ गये .अभी तक ये चिजें और चुनौतियां पूर्व मुख्यमंत्री के सामने आई.
विधानसभा में दहाड़ें थे हेमंत
5 फरवरी को नये मुंख्यमंत्री चंपई सोरेन के विश्वास मत में भी हेमंत पहुंचे थे. उनकी मौजूदगी और उनके हुंकार से साफ था कि न इन तोहमते से घबरायेंगे और न ही पीछे हटेंगे और न भागेगे . इसका खुलकर सामना करेंगे, इसकी लड़ाई आखिरी सांस तक लड़ेंगे .
हेमंत ने अपने विधानसभा के संबंधन में कहा था कि भाजपा को एक भोले-भाले आदिवासी का मुख्यमंत्री बनना खटक रहा है. वह चाहती है कि मुख्यमंत्री बनने का पांच साल पूरा न कर ले. नहीं तो रिकॉर्ड टूट जाएगा. दरअसल, अभी तक झारखंड में मुख्यमंत्री रघुवर दास ही हुी है, जिन्होंने पांच साल पूरा किया. अगर हेमंत पूरा कर लेते तो राज्य का दूसरे सीएम बनते . लेकिन, जमीन घोटाले के आरोप में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. विधानसभा के फ्लोर टेस्ट के दरम्यान हेमंत ने जोर से दहाड़ भी लगाई थी . अगर घोटाले के तोहमत जो उनके दामन पर लगें है . अगर साबित हो गये तो राजनीति से ही नहीं संन्यास लेंगे, बल्कि झारखंड छोड़कर चले जायेंगे. यहां साफ था कि हेमंत किसी भी कीमत पर झुकना नहीं चाहते थे. इसका मुहंतोड़ जवाब लड़कर देना चाहते थे. गुरुवार को ईडी की विशेष कोर्ट में पेश होने के बाद हेमंत सोरेन होटवार जेल भेज दिए गये.
झारखंड झुकेगा नहीं
लेकिन, रांची की सड़कों पर लगे पोस्टर ने सभी का ध्यान बरबस खींच लिया. जिसमे हेमंत सोरेन की तस्वीर के साथ-साथ मोटे-मोटे अक्षरों मे लिका था कि झारखंड झुकेगा नहीं . यहां भी एक जिद, जुनून और जोश का नजारा दिखा , जो इस बात को इंगित करता है और बतलाता है कि चुनौतियां चाहे जितनी भी है. उससे मुकाबला करेंगे , झुकेंगे नहीं . चाहे इसके लिए कितना ही इम्तहान औऱ लड़ाईया लड़नी ही क्यों न पड़े . हेमंत के समर्थन में न्याय यात्रा झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ता निकाल रहे हैं. उनके बेगुनाही के लिए सरना धर्म स्थल में पूजा-पाठ किया जा रहा है. उनके लिए उपवास रखा जा रहा है . जगह-जगह चौक चौराहों पर हेमतं है तो हिम्मत है और शेर ए झारखंड के पोस्टर भी दिखाई पड़ रहे हैं.
पोस्टर से पुष्पा फिल्म की याद
इन सब में झारखंड झुकेगा नहीं कि पोस्टर सबसे ज्यादा चर्चित दिखाई पड़ रहे हैं. जो फिल्म पुष्पा द राइज फिल्म के चर्चित डॉयलाग झुकेगा नहीं साला से मिलता जुलता दिखता है. इस फिल्म में भी एक जिजवीषा, जुनून और जिद ही एक्टर अल्लु अर्जुन का दिखता था.
ऐसा ही लगता है हेमंत सोरेन भी आरोपो की इस काल कोठरी से निकलकर इसका माकूल जवाब देने की ठानी है . उन चुनौतियों, उन लड़ाईयों और उन घमासानों को जीतने का माद्दा पोस्टर के जरिए दिखाना चाहते हैं. इसके साथ ही अपनी विरोधी भाजपा को भी साफ-साफ संदेश देना चाहते हैं. चाहे कुछ भी कर लो, कितनी भी अजमाईश लगा लो और कितने भी षडयंत्र रच ले . वे न तो झुकने वाले हैं, न पीठ दिखाने वाले हैं और न छोड़ने वाले हैं. यह पोस्टर और इसमे लिखी बाते "झारखंड झुकेगा नहीं '' यही बतलाता है.
रिपोर्ट- शिवपूजन सिंह
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