रांची (TNP Desk) : झारखंड मुक्ति मोर्चा की नेता और जामा विधानसभा सीट से विधायक सीता सोरेन ने मंगलवार को पार्टी और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद नई दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. झारखंड चुनाव प्रभारी और राज्यसभा सदस्य लक्ष्मीकांत बाजपेयी और पार्टी के महासचिव विनोद तावड़े ने उनका स्वागत किया.
उफान पर झारखंड की राजनीति
अब इस मामले पर झारखंड में सियासत गरमा गई है. वार-पलटवार भी शुरू हो गया है. सीता सोरेन के बीजेपी में शामिल होने पर झामुमो ट्वीट कर निशाना साधा और कहा कि घर का भेदी लंगा ढाये. झामुमो के इस ट्वीट पर भाजपा ने पलटवार किया है. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने सीता सोरेन का स्वागत करते हुए झामुमो पर कई सवाल दाग दिए और कहा, सीता लंका से मुक्त हो गई है.
सीता सोरेन के इस्तीफा ने मन को झकझोर दिया : प्रतुल शाहदेव
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि झारखंड और झारखंड की अस्मिता में बड़ी बहु मां के समान होती है. आज सीता सोरेन की जो पीड़ा देखी और जिस तरीके से उन्होंने पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया है उससे मन को झकझोर दिया है. प्रतुल शाहदेव ने कहा कि आज जब वो बोल रहीं थी और कह रहीं थी कि बड़ी बहु के साथ अन्याय हुआ है. उनके खिलाफ पार्टी के तरफ से भी साजिश हुआ है. प्रतुल ने कहा कि जब इस तरह का व्यवहार होता है तो वह निजी नहीं रह जाता है. क्योंकि वो एक सार्वजनिक जीवन में हैं. सीता सोरेन जामा विधायक हैं. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि उनके पति दुर्गा सोरेन ने झारखंड आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. और घर की बड़ी बहु जिसे मां का समान दर्जा दिया जाता है, उसके साथ सौतेला व्यवहार किया गया. ये मार्माहत करने वाली घटना है. ये झामुमो की असलियत को दिखा रहा है. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि सीता सोरेन के बीजेपी में शामिल होने के बाद जेएमएम ये ट्वीट करता है कि घर का भेदी लंका ढाये. भाजपा ने झामुमो को घेरते हुए कहा कि झामुमो ये ट्वीट कर साबित कर दिया कि झारखंड में जो वर्तमान परिस्थिति है वो रावण राज के समान है, और चारो तरफ अधर्म का बोलबाला है. कोई तो कोई विभीषण निकलेगा, इस रावण राज को समाप्त करने के लिए, अब सीता लंका से मुक्त हो गई है.
झारखंड को बचाने के लिए भाजपा में हुई शामिल : सीता सोरेन
बीजेपी ज्वाइन करने के बाद सीता सोरेन ने कहा कि झारखंड को बचाने के लिए वह भाजपा में शामिल हुई हैं. उनके ससुर शिबू सोरेन और पति दुर्गा सोरेन की अगुवाई में अलग झारखंड राज्य की लड़ाई लड़ी गयी. अलग झारखंड राज्य बना लेकिन राज्य का अपेक्षित विकास नहीं हो पाया. आज देश की जनता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व पर भरोसा जाता रही है. उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों से प्रभावित होकर भाजपा में शामिल हो रही हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड को झुकाना नहीं, बचाना है. सभी 14 सीटों पर कमल खिलेगा.
लंबे समय से पार्टी से नाराज चल रहीं थीं सीता सोरेन
सीता सोरेन लंबे समय से पार्टी से नाराज चल रहीं थीं. उन्हें चन्पाई सोरेन मंत्रिमंडल में भी जगह नहीं मिली थी, जिसका उन्होंने मुखर विरोध किया था. उल्लेखनीय है कि सीता मुर्मू सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख शिबू सोरेन की बहू, पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी और दिवंगत दुर्गा सोरेन की पत्नी हैं. झारखंड की जामा विधानसभा क्षेत्र से वह विधायक चुनी गईं थीं. पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय महासचिव के रूप में नियुक्त किया था. इसके बाद 2014 में उन्होंने दोबारा चुनाव लड़ा और उसी सीट से दोबारा विधायक बनीं. साल 2019 में जामा विधानसभा सीट से तीसरी बार विधायक चुनी गयीं.
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