दुमका (DUMKA) : कहते हैं जल ही जीवन है. लेकिन समय के साथ साथ पानी की किल्लत पूरे झारखंड की एक गंभीर समस्या है. प्रदेश की उपराजधानी दुमका में गर्मी के समय मे जल स्तर नीचे जाने से खासकर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बून्द बून्द पानी के लिए तरसना पड़ता है. जब इन ग्रामीणों की सब्र का बांध टूटता है तो पेयजल की मांग को लेकर सड़कों पर उतरने से भी गुरेज नहीं करते.
सड़क पर उतर गई महिलाएं
कुछ ऐसा ही नजारा दुमका प्रखंड के कुरुवा गांव की महिलाएं सड़कों पर उतर गयी. महिलाएं दुमका - रामपुरहाट मुख्य मार्ग एनएच 114 A को जाम कर दिया. कुरुवा गाँव के पहाड़िया टोला में लगभग 150 आवादी है लेकिन इन लोगों को पानी की समस्या से आये दिन जूझना पड़ता है. ग्रामीण पेयजल संकट के समाधान को लेकर मुखिया से जल सहिया तक गुहार लगाया, समस्या के समाधान को लेकर आवेदन दिया, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पाया. आखिरकार ग्रामीणों की सब्र का बांध टूट गया. जिसके बाद महिलाओं ने दुमका - रामपुरहाट मुख्य मार्ग नेशनल हाईवे 114 A को जाम कर दिया. कुरुवा के पहाड़िया टोला में मात्र एक चापाकल है वह भी काफी पुराना हो चुका है. शहरी जलापूर्ति योजना कुरुवा गांव होकर ही गुजरा है इसका लाभ भी ग्रामीणों को नहीं मिल पाता है.
प्रखण्ड विकास पदाधिकारी ने ग्रामीण को दिया आश्वाशन
इस मामले में मार्ग जाम की सूचना मिलते ही प्रखण्ड विकास पदाधिकरी राजेश कुमार सिन्हा, मुफ्फसिल थाना प्रभारी नीतीश कुमार मौके पर पहुँचे. महिलाओं को समझाते हुए जाम को समाप्त करवाया. प्रखण्ड विकास पदाधिकारी ने ग्रामीण को आश्वाशन दिया कि पहाड़िया टोला के लिए एक नया चापाकल लगाया जाएगा. साथ ही पानी की समस्या के निदान के लिए जलापूर्ति का लाभ ग्रामीण को मिले इसको लेकर प्रयास किया जाएगा. देश आजाद हुए 7 दशक से ज्यादा और अलग झारखंड राज्य बने 2 दशक से ज्यादा हो गए. इसके बाबजूद अगर लोग मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहा हो तो सरकार के विकास के दावों पर सवाल उठना लाजमी है.
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