धनबाद(DHANBAD) | अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो बहुत जल्द ही बिहार ,बंगाल गंगा के तटीय इलाके के लोग बहते तेज धार के बीच शादी- विवाह का आयोजन कर सकते है. बड़े-बड़े सेमिनार कर सकते है. अन्य कार्यक्रम भी हो सकते है. जो क्रूज चलाने की तैयारी चल रही है, उसमें 300 से अधिक लोगों के बैठने की क्षमता होगी. कई वर्षों से इस योजना पर काम चल रहा था. लेकिन कोलकाता से वाराणसी तक गंगा विलास सेवा शुरू होने के बाद इसमें गति आई है. बिहार की राजधानी पटना से भागलपुर के रास्ते कोलकाता के अगल-बगल के लोग अब इस सेवा का बहुउपयोगी लाभ ले सकते है.
पटना से भागलपुर के रास्ते कोलकाता होगा बहुउपयोगी लाभ
लोगों का यह सपना जल्द ही साकार होने वाला है. गंगा में जल परिवहन के लिए सुल्तानगंज टर्मिनल निर्माण के लिए जमीन मिल गई है. यहां टर्मिनल का निर्माण किया जाना है, जिससे कि यात्री और कार्गो जहाज का डेक तैयार हो सके. जिला प्रशासन ने बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम को जमीन का विवरण उपलब्ध करा दिया है. पटना, भागलपुर, कोलकाता के बीच पैसेंजर जहाज चलाने के लिए पहल शुरू हुई है. इसके लिए भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण से भी एनओसी मांगी गई है. पर्यटन विभाग की माने तो कोलकाता से पटना यात्रा के दौरान एक जहाज भागलपुर में भी रखा जाएगा.
कोलकाता से वाराणसी तक गंगा विलास सेवा के बाद आई तेजी
3 माह पहले कोलकाता से वाराणसी तक गंगा विलास सेवा शुरू हुई थी. इसके बाद पर्यटन विभाग ने जल परिवहन सेवा शुरू करने का निर्णय लिया. राज्य सरकार ने भी क्रूज चलाने की मंजूरी दे दी है. इसका फायदा यह होगा कि शादी समारोह या बड़े सेमिनार, सम्मेलन या अन्य कार्यक्रम क्रूज पर हो सकेंगे. क्रूज पर करीब 300 लोगों के बैठने की क्षमता होगी. पटना से भागलपुर के बीच गंगा नदी में कई जगहों पर यात्री, पर्यटक और सामान के उतारने और चढ़ाने के लिए जेट्टी लगाई जानी है. इससे लंबी यात्रा से थके टूरिस्टो को जेट्टी पर उतारकर अगल-बगल के चीजों को दिखाने में भी सहूलियत होगी.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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