धनबाद (DHANBAD): रंगदारी के लिए फायरिंग करने, जान लेने की कोशिश करने की धनबाद में घटित घटनाओं की लंबी सूची है. प्रिंस खान के गुर्गों ने कई घटनाओं को हाल के दिनों में अंजाम दिया है. 12 सितंबर को गोविंदपुर के खालसा होटल के गेट पर बमबाजी करने के बाद पुलिस एक्शन से यह गैंग थोड़ा शांत हो गया था. पुलिस ने प्रिंस खान गैंग के "स्लीपर सेल" विकास सिंह सहित कथित मेजर को गिरफ्तार कर जेल भेजा दिया था. लेकिन फिर शनिवार की रात घटना घट गई. 12 अगस्त को बैंक मोड़ सलूजा मोटर्स पर फायरिंग हुई थी. 29 अगस्त को घराना ज्वेलर्स पर फायरिंग की गई थी .8 अगस्त को भूली के एक साइबर कैफे पर फायरिंग हुई थी. 11 जुलाई को बिहारी लाल चौधरी के प्रतिष्ठान पर फायरिंग की गई थी.
कारोबारियों में आक्रोश
इन घटनाओं के बाद रफ्तार थम गई थी. लेकिन अचानक शनिवार को फिर यह अध्याय शुरू हो गया. इस बार तो फायरिंग करने के बजाय सीधे गोली मार दी गई. गोली कारोबारी दीपक अग्रवाल के गले की बाई ओर लगकर निकल गई है. गोली लगने के बाद उन्हें पहले पाटलिपुत्र नर्सिंग होम में ले जाया गया. उसके बाद उन्हें जालान अस्पताल में भर्ती कराया गया. फिर उन्हें वहां से भी रेफर कर दिए जाने की सूचना है. घटना की जानकारी मिलते ही काफी संख्या में कारोबारी अस्पताल पहुंचे. उनका आक्रोश चरम पर था.
रविवार को कारोबार बंद रखने की घोषणा की है. इस बीच चेंबर के लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर था. धनबाद के विधायक राज सिंह ने भी सवाल किया कि अब तो एसएसपी साहब से पूछना चाहिए कि उनके आश्वासन पर आंदोलन स्थगित हुआ था, अब कारोबारी क्या करें. उन्होंने कहा कि कारोबारी के साथ वह हमेशा से हैं ,थे और रहेंगे. वहीं पूर्व मेयर शेखर अग्रवाल ने कहा कि धनबाद में तो हद हो गई है. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था. विधि व्यवस्था के मामले में धनबाद पुलिस और झारखंड सरकार दोनों पूरी तरह से फेल है .उनका कहना था कि लोग घर चलाने के लिए कारोबार करते हैं, ना कि रंगदारी देने और गोली खाने के लिए .धनबाद के कारोबारियों को कम से कम 25 दिनों तक कारोबार बंद कर पुलिस को कार्रवाई करने के लिए बाध्य कर देना चाहिए .बहरहाल शनिवार की घटना के बाद धनबाद के लोग एक बार फिर दहशत में पड़ गए हैं. गैंग के लोगों को गिरफ्तारी के चंद घंटे बाद दुकानदार को गोली मारने की घटना पुलिस और एटीएस के लिए भी बड़ी चुनौती है. अब देखना है कि पुलिस अपराधियों को कैसे एक बार फिर बैक फुट पर लाती है.
रिपोर्ट. धनबाद ब्यूरों
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