धनबाद(DHANBAD): धनबाद शहर के बेकारबांध का इलाका. इलाके में सड़क पर गुरुवार की रात लगभग 11 बजे भारी भीड़ जुटी थी. भीड़ ने पुलिस वालों को घेर रखा था. पुलिस से सवाल दागे जा रहे थे. पूछा जा रहा था कि अगर कोई आम नागरिक यही अपराध करता तो उसके खिलाफ न जाने कौन-कौन सी धाराओं में मुकदमा कर लिया जाता. गाड़ी जब्त कर थाना ले जाई जाती. चालक को गिरफ्तार कर लिया जाता लेकिन यही काम पुलिस की पीसीआर वैन के चालक ने किया है तो उस पर आखिर कोई कार्रवाई क्यों नहीं होगी. लोगों के सवाल के आगे पुलिस दल की बोलती बंद थी. कोई जवाब नहीं मिल रहा था. घटनास्थल पर पहुंचा पुलिस बल सिर्फ एक ही कोशिश में था कि किसी तरह पीसीआर वैन को उठाकर हटाया जाये.
दो नंबर पीसीआर डिवाइडर पर चढ़ी तो पहुंची चार नंबर
दरअसल, दो नंबर की पीसीआर वैन बेकार बांध सड़क के डिवाइडर पर चढ़ गई थी. उसके बाद चालक और अधिकारी वहां से खिसक गए. इसके थोड़ी देर बाद चार नंबर पीसीआर वैन पहुंची, साथ में क्रेन भी आया था. लोगों ने पहले तो पुलिस का घेराव किया लेकिन क्रेन ने अपना काम जारी रखा और पीसीआर वैन को उठाकर सुरक्षित ले जाया गया. इस दौरान पुलिस बल को लोगों के हूटिंग का भी सामना करना पड़ा. लोगों का कहना था कि आखिर किस ढंग से गाड़ी चलाई जा रही थी कि डिवाइडर पर बीचो-बीच गाड़ी चढ़ गई. संयोग अच्छा था कि कोई चोटिल नहीं हुआ अन्यथा बड़ी दुर्घटना हो सकती थी. धनबाद की सड़कों पर इस तरह की दुर्घटनाएं लगातार हो रही है. अभी हाल ही में आई एस एम गेट के पास कार पर पुआल लदा वाहन पलट गया था.
राज्य में दूसरे नंबर पर है धनबाद
वाहन का एक चक्का डिवाइडर पर चढ़ गया था, जिसे यह दुर्घटना हुई थी. धनबाद की सड़कें जानलेवा हो गई है. राज्य परिवहन विभाग ने वर्ष 2022 में हुए सड़क हादसों का आंकड़ा जारी किया है. इस आंकड़े में झारखंड का रांची पहले तथा धनबाद राज्य में दूसरे स्थान पर है. रांची में 635 सड़क हादसों में 450 लोगों को जान गंवानी पड़ी वही, धनबाद में 400 सड़क दुर्घटनाओं में 286 लोगों की जान गई है. धनबाद में सड़क सुरक्षा सप्ताह की बैठक तो जरूर होती है, ब्लैक स्पॉट पर चर्चा भी होती है, ब्लैक स्पॉट चिन्हित भी किए गए हैं लेकिन कुछ होता नहीं है. सारे आदेश और निर्देश सिर्फ कागज तक ही सीमित रहते है.
धनबाद से संतोष की रिपोर्ट
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