टीएनपी डेस्क:- अब कोई भी बाहरी जांच एजेंसी के बुलावे पर झारखंड के पदाधिकारी सीधे हाजिर नहीं हो पायेंगे. सबसे पहले अपने विभागीय अध्यक्ष के जरिए कैबिनेट को जानकारी देनी होगी. जांच एजेंसी के समन और बुलावे पर कैबिनेट को जानकारी मिलने के बाद विभाग फैसला करेगा कि आगे क्या करना है.निगरानी विभाग इसमे नोडल के तौर पर काम करेगा. इसके बाद तुरंत विधि विशेषज्ञों से सलाह लेकर आगे क्या करना है. इसकी सलाह उक्त अधिकारी को देगा. ऐसा प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में पास किया गया.
प्रस्ताव माना जा रहा काफी अहम
मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए इस प्रस्ताव को काफी अहम माना जा रहा है. क्योकि अभी ईडी लगातर शराब,जमीन,खनन घोटाले की जांच कर रही है. खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सात बार समन दिया गया है. ईडी की तरफ से अधिकारियों को भी समन दिया जा रहा है. दो आईएस अधिकारी औऱ कुछ पदाधिकारी भी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. ऐसी स्थिति में इस इस प्रस्ताव की अहमियत बढ़ गई है. अभ देखना है कि इसका आगे क्या असर होता है.
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