धनबाद(DHANBAD): नगर निगम की गाड़ियां कचरा उठाने जब मोहल्ले में पहुंचती हैं तो उठाने वाले सिटी बजाते है. सीटी एक सिंग्नल होती कि हम आ गए है ,कचरा दे दे. लोग समझ लेते हैं कि अपने-अपने घर का कचरा निकालना है. अब अवैध कोयला खदानों अथवा बंद कोयला खदानों के मुहानों को भरने के पहले भी सीटी बजाकर कोयला चोरो को सचेत किया जा रहा है कि हम आ गए है. अगर कोई खदान के भीतर है तो बाहर निकल जाये ,नहीं तो मुहानो की भराई कर दी जाएगी. केवल चालू परियोजनाओं से ही कोयला चोरी समस्या नहीं है बल्कि" रैट होल" से कोयला काटने वाले भी परेशानी का कारण बने हुए है. एक तरफ से बोल्डर आदि गिराकर मुहानों को भरा जा रहा है तो दूसरी ओर से अवैध तरीके से कोयला काटने वाले मुहाने खोल ले रहे है. बरोरा क्षेत्र में तो अभी हाल ही में बोल्डर गिराकर जब मुहाना बंद किया जा रहा था तो खदान के भीतर से टोर्च की रोशनी और आवाज आई. फिर भराई का काम रोक दिया गया तो भीतर घुसे कोयला काटने वालों की जान बची.
अब सिटी बजाकर दी जा रही है चेतावनी
इसी बरोरा एरिया में गुरुवार की सुबह पुलिस और सीआईएसएफ की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अवैध कोयला खनन के लिए खोले गए मुहानों को पेलोडर से बोल्डर डालकर बंद कर दिया गया. मुहाने को बंद करने के पहले कई बार सीटी बजाकर भीतर के लोगों को बाहर निकलने के लिए आवाज भी लगाई गई. काफी देर इंतजार के बाद जब कोई नहीं निकला, तब मुहाना बंद करने की कार्रवाई शुरू की गई. आश्चर्य तो इस बात को लेकर होता है कि "रैट-होल" से बनाए गए कोयले के मुहानों के भीतर डेढ़ से 2 किलोमीटर तक बाइक और साइकिल से पहुंच जाते है. खदान के भीतर अस्थाई सपोर्ट लगाकर कोयले के चट्टान को रोक रखते है. जो की पूरी तरह से खतरनाक होता है. बरोरा में जब इस बात का जब खुलासा हुआ तो सब कोई आश्चर्य में पड़ गए. दरअसल, हुआ ऐसा कि अवैध कोयला खदानों के मुहानों की भराई का काम चल रहा था. एक के बाद एक मुहानों को बंद किया जा रहा था. इसी क्रम में बरोरा क्षेत्र की एएमपी कोलियरी की बंद 6 नंबर पैच की जब भराई की जा रही थी तो अंदर कोयला काटने वाले मौजूद थे. भराई करने वाली टीम को जरा भी भान नहीं था कि अंदर में कोयला काटने वाले मौजूद हो सकते है.
बोल्डर हटा तो चींटी -माटा की तरह निकले कोयला चोर
हालांकि सतर्कता के तौर पर हल्ला किया गया कि कोई भीतर है तो बाहर आ जाए. खदान के मुहानों की भराई की जा रही है. जब बोल्डर हटाया गया तो साइकिल और बाइक से कोयला चोर एक के बाद एक निकलने लगे. यह टीम के लिए भी आश्चर्यजनक घटना थी. कोई भरोसा नहीं कर सकता है की " रैट होल" से बनाए गए मुहानों के भीतर कोयले की ढुलाई के लिए मोटरसाइकिल और साइकिल का भी प्रयोग होता होगा. अभी हाल ही में उत्तराखंड में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए जब बड़ी-बड़ी मशीन जवाब दे गई, तो "रैट होल" करने वालों को बुलाया गया और उन्होंने सुरक्षित फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकाल लिया. कोयलांचल में कई ऐसे इलाके हैं ,जहां "रेट होल" के जरिए अवैध कोयले की कटाई और ढुलाई की जाती है. यह काम बड़े पैमाने पर किया जाता है.यह काम पूरी तरह से जोखिम भरा है. जीवन को खतरे में डाल कोयला काटने वाले अंदर जाते है. अक्सर चाल धंसने और लोगो के मरने की खबरें आती रहती है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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