रांची(RANCHI): झारखंड में नौकरी के नाम पर कैसा खेल चल रहा हैं किसी से छुपा नहीं है. कभी परीक्षा का पेपर बेच दिया जाता है तो कभी मौत की दौड़ दौड़ाई जाती है. लेकिन अब एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें पैसा देकर बिना किसी दौड़ और कागजी प्रक्रिया के झारखंड होमगार्ड के जवान के रूप में तैनात कर दिया गया. हैरत की बात यह है कि फर्जी तरीके से बहाली के बाद जवान को लोकसभा चुनाव में ड्यूटी भी कराई गई और विभाग ने ढाई लाख रुपए से अधिक उसे तनख्वाह के रूप में दे दिया.
फर्जी तरीके से होमगार्ड के जवान की नौकरी पाने वाला युवक आसिफ अंसारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. शिकायत दर्ज होने के बाद धुर्वा पुलिस ने जांच शुरू की और आसिफ तक पहुंच गई.जिसके बाद गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. पूछताछ में और भी कई नाम सामने आए हैं. इस पूरे नौकरी के फर्जी खेल में होमगार्ड की कंपनी कमांडर कैलाश यादव समेत चार आरोपियों की पुलिस तलाश कर रही है. फरार चल रहे आरोपी में निसार अंसारी, आसिफ अहमद और जगदेव टोप्पो की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कि जा रही है. सभी के गिरफ़्तारी के बाद बड़े खुलासे होने की संभावना है.
शुरुआती जांच में यह जानकारी मिली है कि आसिफ को एक लापता होमगार्ड जवान के आरक्षी नंबर पर बहाली की गई थी. इस मामले में कई तार जुड़ सकते हैं. साथ ही कई खुलासा होना बाकी है. अब तहकीकात शुरू हुई है तो आंच काफी ऊपर तक जाने वाली है. क्योंकि नौकरी के खेल में सिर्फ कंपनी कमांडर और कुछ सिंडिकेड नहीं हो सकते हैं. इसके पीछे और भी कुछ बड़े चेहरे हो सकते हैं.
बताया जा रहा है कि एक लाख 30 हजार रुपए देकर आसिफ को नौकरी दी गई थी. आसिफ ने खुद पुलिस के सामने कबूल किया है. कंपनी कमांडर के अलावा अन्य लोगों का नाम लिया है. बताया कि उन्हें 130000 रुपए दिया था. जिसके बाद उसे नौकरी दी गई थी. आसिफ ने यह भी बताया कि उसने किसी तरह की परीक्षा या कोई दौड़ में शामिल नहीं हुआ था. सिर्फ पैसा दिया और नौकरी ले लिया.
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