धनबाद(DHANBAD): मईया सम्मान योजना को लेकर झारखंड में महिलाओं की उत्सुकता बढ़ती जा रही है. घर का काम का छोड़ फॉर्म भरने और भरे गए फॉर्म की अपडेट जानकारी के लिए अंचल कार्यालयो में लंबी लाइन लग रही है. धनबाद के अंचल कार्यालय में शनिवार को फिर लंबी लाइन देखी गई. यह लाइन कार्यालय से लेकर सड़क तक बढ़ गई थी. शनिवार को धनबाद अंचल कार्यालय में कोई पहली बार लंबी लाइन नहीं लगी थी. इसके पहले भी लंबी-लंबी लाइन लग चुकी है. धनबाद अंचल कार्यालय में तो पुलिस को भी हस्तक्षेप करना पड़ा था.
लगातार बढ़ रही है महिलाओं में उत्सुकता
झारखंड में महिला सम्मान योजना को लेकर महिलाओं में जितनी उत्सुकता है ,लगभग उतनी ही झारखंड सरकार फंड के जुगाड़ को लेकर सक्रिय हो गई है. एक आंकड़े के मुताबिक झारखंड सरकार को चालू वित्तीय वर्ष में बजट के अतिरिक्त इतर ली गई योजनाओं पर खर्च करने के लिए 10,000 करोड़ से भी अधिक राशि की जरूरत होगी. इस राशि के जुगाड़ में सरकार लग गई है. मंथन का दौर जारी है. सूत्रों के अनुसार सभी विभागों को बची हुई राशि का कुछ हिस्सा सरेंडर करने को कहा गया है. 9 दिसंबर तक सभी विभागों को राशि सरेंडर करने का टारगेट दिया गया है.
सबसे अधिक खर्च मुख्यमंत्री मईया सम्मान योजना पर होना है
बजट के अतिरिक्त ली गई योजनाओं में सबसे अधिक खर्च मुख्यमंत्री मईया सम्मान योजना पर होना है. इसके लिए सरकार को चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक 7000 करोड़ से भी अधिक राशि की जरूरत होगी. इसके अलावे इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में छूट के लिए करीब 1800 करोड़, फसल बीमा योजना के लिए 250 करोड़ और बिजली के टैरिफ सब्सिडी के लिए लगभग 7. 50 करोड रुपए चाहिए. वित्त विभाग का यह भी मानना है कि चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक कुछ भर्तियां भी होंगी. इसके लिए भी राशि चाहिए होगी. वित्त विभाग को अनुमान है कि राज्य सरकार को विभिन्न योजना मद में सरेंडर की राशि से करीब 8000 करोड़ रूपया प्राप्त हो सकते है.
अन्य मद से भी राशि प्राप्त करने की कोशिश की जा रही
इसके अलावे अन्य मद से भी राशि प्राप्त करने की कोशिश की जा रही है. सूत्रों का दावा है कि जिस विभाग ने बजट का 50 फ़ीसदी खर्च कर लिया है, उसको 5% राशि सरेंडर करने को कहा गया है. 30 से 35% खर्च करने वाले विभाग को 10 प्रतिशत तथा 30% से कम खर्च करने वाले विभाग को 20% राशि सरेंडर करने का टारगेट है. इधर, कार्यालयो में लग रही भीड़ के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने अभी हाल ही में मांग की थी की विशेष शिविर लगाकर फॉर्म भरवाया जाए. यह बात भी सामने आ रही है कि सितंबर में फॉर्म भरने वाली महिलाओं को तकनीकी गड़बड़ी की वजह से भी राशि नहीं आ रही है. इधर , नियम में कुछ परिवर्तन भी किए गए है. जिन महिलाओं को राशि नहीं मिल रही है, वह सरकार को निशाने पर भी ले रही है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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