धनबाद(DHANBAD) : सूत्रों के मुताबिक झारखंड सरकार ने मंईयां सम्मान योजना के लिए प्रज्ञा केंद्र के साथ करार खत्म कर झारनेट पर अपना पोर्टल लॉन्च किया है. बताया जाता है कि प्रज्ञा केंद्र के साथ 6 महीने के लिए करार था. यह करार 31 दिसंबर" 2024 को खत्म हो गया. इसके बाद पहले के पोर्टल को पहली जनवरी" 2025 से लॉक कर दिया गया था. 11 जनवरी" 2025 को राज्य सरकार के सामाजिक सुरक्षा कोषांग ने झारनेट पर अपना पोर्टल लांच कर दिया है. हालांकि,सूत्र बताते है कि सीओ, BDO को लॉगइन अभी नहीं दिया गया है.
सीओ तथा BDO को मिलेगा नया लॉगइन
सामाजिक सुरक्षा कोषांग झारखंड की नई गाइडलाइन के अनुसार सीओ तथा BDO को अपना लॉगइन होगा. लॉगइन के बाद ओटीपी जनरेट होगा, तभी साइट खुलेगा. इधर, मंईयां सम्मान योजना के लिए आवेदन करने वाली महिलाओं का अकाउंट नंबर जांच में डुप्लीकेट पाया जा रहा है. कई अकाउंट ऐसे मिल रहे हैं, जिनका नंबर एक से अधिक महिलाओं ने अपने आवेदन में कर रखा है. कई अकाउंट ऐसे भी मिल रहे हैं, जिनमें महिलाएं सरकार की दूसरी योजनाओं की राशि उठा रही है. इन खातों में डुप्लीकेसी पकड़े जाने के बाद सम्मान योजना की राशि का आवंटन रोक दिया गया है. सूत्रों के अनुसार धनबाद में 2000 से अधिक महिलाओं का अकाउंट नंबर डुप्लीकेट मिला है.
फर्जीवाड़े की परत प्याज के छिलके की भांति खुलने लगी है
मंईयां सम्मान योजना में फर्जीवाड़े की परत प्याज के छिलके की भांति खुलने लगी है. कहीं दोहरा लाभ लेने का मामला सामने आ रहा है, तो कहीं पुरुष इस योजना का लाभ उठा रहे है. कसमार प्रखंड में मंईयां सम्मान योजना में पुरुष लाभुक द्वारा हेराफेरी कर लाभ लेने के मामले में प्राथमिकी के बाद और तीन पुरुष लाभुकों के नाम भौतिक सत्यापन के दौरान सामने आए है. बताया जाता है कि इन तीनों पुरुष लाभुकों ने एक-एक हज़ार करके चार किस्त में ₹4000 तथा ढाई हजार रुपए करके एक माह का क़िस्त ढाई हजार अपने बैंक खाते में प्राप्त किया है. यानी कुल मिलाकर 6500 खाते में प्राप्त किया है. हालांकि यह भी जानकारी निकल कर आई है कि तीनों ने मंईयां योजना के तहत प्राप्त पांचो किस्त की कुल 6500 की राशि प्रखंड नजारत में सरेंडर कर दिया है.
अयोग्य लाभुकों की जांच में मिल रही तरह तरह की गड़बड़ियां
उसमें से एक व्यक्ति गर्री पंचायत के किसी बुजुर्ग व्यक्ति के नाम पर बने प्रज्ञा केंद्र में काम करता है. बताया जाता है कि मंईयां सम्मान योजना के अयोग्य लाभुकों की जांच के दौरान कई आवेदन ऐसे मिले, जिनमें आवेदक का नाम एक था, लेकिन पिता या पति का नाम अलग-अलग थे. एक ही लाभुकों के दो-तीन बैंक खाता दिख रहे थे. कुछ ऐसे लाभुक मिले, जिन में दो लाभुकों के आवेदन में पति की जगह एक ही व्यक्ति का नाम लिखा था. इस तरह से फर्जीवाड़े के खुलासे हो रहे है. वेबसाइट खुलने के बाद आगे जांच होगी, तो और गड़बड़िया सामने आ सकती है. चुनाव के पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घोषणा की थी कि दिसंबर महीने से सम्मान योजना की राशि 1000 से बढ़ाकर ढाई हजार कर दी जाएगी. उसके बाद सूत्र बताते है कि लोगों ने फर्जीवाड़े की शुरुआत कर दी. लेकिन अब सारे मामले धीरे-धीरे पकड़ में आने लगे है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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