धनबाद(DHANBAD): झारखंड में लोकसभा चुनाव का अंतिम चरण चल रहा है आज यानी एक जून को संथाल परगना में वोटिंग शुरू है. और इसके साथ ही आज यह साफ हो जाएगा कि बड़ी गोतनी सांसद बनकर अपना कद बढ़ाएंगी, कि छोटी गोतनी नलिन सोरेन को विजई बनाकर अपना राजनीतिक परचम लहराएगी. आज दुमका इसका फैसला कर देगा.
अंतिम चरण के चुनाव में झारखंड के तीन सीटों पर मतदान शुरू हो गया है. दुमका, गोड्डा और राजमहल सीटों पर मतदान चल रहा है. तीनों सीटों पर भाजपा और इंडिया गठबंधन के बीच कांटे की टक्कर है .दुमका से भाजपा ने झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायक सीता सोरेन को उम्मीदवार बनाया है तो झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक नलिन सोरेन उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुप्रीमो शिबू सोरेन की जमीन रही दुमका में लड़ाई रोचक हो गई है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रत्याशी नलिन सोरेन के लिए स्टार प्रचारक कल्पना सोरेन ने मोर्चा संभाला था. वैसे दुमका में सोरेन परिवार की दो बहुओं की राजनीतिक लड़ाई पर लोगों की नजरे टिकी हुई है .सीता सोरेन फिलहाल नाला से विधायक है. चुनाव घोषणा के बाद वह भाजपा में शामिल हो गई और भाजपा ने उन्हें दुमका लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया. हालांकि इसके पहले भाजपा ने सुनील सोरेन को दुमका से उम्मीदवार बनाने की घोषणा की थी, लेकिन बाद में उम्मीदवारी बदल दी गई और सीता सोरेन को उम्मीदवार बनाया गया.
सीता सोरेन के उम्मीदवार बनाए जाने के बाद चर्चा शुरू हुई कि इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चुनाव लड़ेंगे, लेकिन अंतिम समय में विधायक नलिन सोरेन को झारखंड मुक्ति मोर्चा ने उम्मीदवार घोषित किया. वैसे तो संथाल की तीनों सीट एनडीए और इंडिया गठबंधन के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गए है.संथाल के तीनों सीटों पर लड़ाई कांटे की है. गोड्डा सीट पर भी कड़ा संघर्ष है. भाजपा के फायर ब्रांड नेता निशिकांत दुबे मैदान में है तो इंडिया गठबंधन की ओर से विधायक प्रदीप यादव उन्हें चुनौती दे रहे हैं. अभिषेक झा निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.
बात अगर राजमहल सीट की करे तो बीजेपी के लिए राजमहल भी प्रतिष्ठा मूलक हो गई है .इस सीट पर दो बार से सांसद रहे विजय हांसदा झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से चुनाव लड़ रहे हैं, तो ताला मरांडी भाजपा की उम्मीदवार हैं .राजमहल से झारखंड मुक्ति मोर्चा के बागी विधायक लो बिन हेंब्रम भी मैदान में है .कुल मिलाकर कहां जा सकता है कि राजमहल सीट पर चुनाव रोचक हो गया है. वैसे संथाल परगना झारखंड मुक्ति मोर्चा का गढ़ माना जाता है. लेकिन भाजपा लगातार इसमें सेंध लगाने की कोशिश कर रही है. संथाल परगना के परिणाम पर सबकी नजर रहेगी, क्योंकि तीन सीटों पर दो सांसद और चार विधायक अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. साथ ही दुमका लोकसभा सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के ही दो विधायक अलग-अलग दलों से आमने-सामने है. संथाल परगना की तीन संसदीय सीटों में दुमका सीट क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़ा और गोड्डा सबसे छोटा है. संथाल परगना में 6 जिले हैं, जिनमें जामताड़ा, देवघर ,दुमका, पाकुड़ ,गोड्डा और साहिबगंज आते हैं, वहीं कुल विधानसभा सीटों की संख्या 18 है.
रिर्पोट: धनबाद ब्यूरो
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