देवघर(DEOGHAR):राजनीति में न ही दोस्ती ठीक होती है और नही दुश्मनी।गोड्डा लोकसभा क्षेत्र में भी देखने को मिला.2009 से अबतक निशिकांत का साथ देने वाले अभिषेक झा अब इनके खिलाफ चुनाव लड़ेंगे.अभिषेक झा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री विनोदानंद झा के परपोता है.देवघर में इनकी अच्छी खासी पकड़ है.
2009 में बीजेपी के टिकट पर मधुपुर से लड़ चुके हैं,चुनाव मिली थी हार
2009 में गोड्डा लोकसभा सीट पर आस लगाए राज पलिवार को टिकट नहीं देकर बीजेपी ने भागलपुर निवासी निशिकांत दुबे को उम्मीदवार बनाया था. टिकट घोषणा के बाद जैसे ही निशिकांत दुबे जसीडीह स्टेशन पहुंचे तभी राज पलिवार और निशिकांत दुबे समर्थक के बीच जमकर बवाल हुआ,मामला थाना और कोर्ट में भी गया.उनदिनों राज पलिवार मधुपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक थे.इस घटना के बाद से निशिकांत दुबे और राज परिवार के बीच 36 का आंकड़ा हो गया.हालांकि काफी विरोध के बाद निशिकांत दुबे गोड्डा लोकसभा फतह कर पहली बार सांसद बने.लोकसभा चुनाव के ठीक बाद झारखंड में विधानसभा चुनाव हुआ तब निशिकांत ने अपने चहेते अभिषेक झा को मधुपुर से टिकट दिलवा दिया था.हालांकि 2009 के मधुपुर विधानसभा चुनाव में अभिषेक झा हार गए। उसके बाद से अभी तक वह सांसद निशिकांत को हर जगह सहयोग करते आ रहे थे.अभिषेक झा बिहार के मंत्री कृष्णानंद झा के पोता भी है.कृष्णा नंद झा भी मधुपुर सीट से विधायक बन के संयुक्त बिहार में मंत्री बने थे. लेकिन पिछले दिनों निशिकांत दुबे से अभिषेक झा की दोस्ती दुश्मनी में बदल गई.
निशिकांत दुबे अभिषेक झा को हमेशा टारगेट कर रहे हैं
दरअसल ईडी जमीन मामले में अभिषेक झा के आवास में छापेमारी कर कई दस्तावेज अपने साथ ले गई थी.अभिषेक झा का मानना है कि निशिकांत दुबे ने उनके यहां ई भेजवाया था. इसके बाद से लगातार निशिकांत दुबे अभिषेक झा को हमेशा टारगेट कर रहे हैं. इससे परेशान होकर अभिषेक झा ने गोड्डा लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला लिया है.वह 14 मई को अपने समर्थकों के साथ गोड्डा पहुंचकर नामांकन दाखिल करेंगे.अभिषेक झा का चुनावी मैदान में आने के बाद गोड्डा का समीकरण बदल जाएगा.अभी तक बीजेपी ने निशिकांत दुबे के दाव लगाया है तो वहीं कांग्रेस के टिकट पर प्रदीप यादव मैदान में है.अब अभिषेक झा की एंट्री से लड़ाई दिलचस्प हो जाएगी. अभी तक बीजेपी और कांग्रेस में सीधी टक्कर देखने को मिल रही है लेकिन अभिषेक झा के एंट्री के बाद वोट का समीकरण बदल सकता है.
रिपोर्ट-रितुराज सिन्हा
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