धनबाद(DHANBAD): झारखंड में एनडीए के हाथ एक बड़ा मुद्दा लग गया है. इस मामले को चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी में एनडीए लग गया है. प्रधानमंत्री तक ने इस पर टिप्पणी की है. सोमवार को उन्होंने आंध्र प्रदेश में कहा कि शहजादे बताएं कि झारखंड में नोटों के पहाड़ किसके हैं. इधर सोमवार को भाजपा विधायक दल के नेता अमर बाउरी धनबाद में भी में यह संकेत दिया कि यह मुद्दा बड़ा है और कांग्रेस को इस पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.
गर्मी की तपिश के बावजूद खूब हो रहा चुनाव प्रचार
धनबाद में आज नामांकन पत्रों की स्क्रुटनी होगी. 9 मई तक नामांकन वापस लिया जा सकता है .इधर, धनबाद लोकसभा में पार्टी प्रचारकों का दौड़ तेज हो गई है. यह अलग बात है कि सोमवार को कांग्रेस प्रत्याशी अनुपमा सिंह एक दिन के पैरोल पर बाहर आए पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलने रांची गई थी. लेकिन गर्मी की तपिश के बावजूद चुनाव प्रचार खूब हुआ. पूर्णिया से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे
पप्पू यादव कल धनबाद पहुंचे थे. उन्होंने इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी अनुपमा सिंह के पक्ष में जमकर चुनाव प्रचार किया. तो भाजपा विधायक दल के नेता अमर बाउरी सोमवार को धनबाद में थे. उन्होंने नोट बरामदगी के मामले को पुरजोर ढंग से उठाया. कहा कि कांग्रेस के मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव के नौकर के घर से ईडी ने करोड़ों बरामद किया है. उन्होंने कहा कि झारखंड में भ्रष्टाचार की काली कमाई का मामला एक-एक कर उजागर हो रहा है. नौकर के घर से इतना कैश मिल रहा है तो मंत्री जी के पास कितना होगा. यह काला धन चुनाव को प्रभावित करने के लिए था. उन्होंने दावा किया कि धनबाद लोकसभा में भाजपा रिकार्ड मतों से जीतेगी. उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से अपने-अपने शक्ति केंद्रों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा.यह भी कहा कि भाजपा के खिलाफ कई रंगे सियार धनबाद लोकसभा में घूम रहे हैं. जो धनबाद में कुछ कहते हैं तो चंदनकियारी में कुछ और कहते हैं. वैसे लोगों से सचेत रहने की जरूरत है.
पप्पू यादव ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
इधर पप्पू यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री डरे हुए हैं. राहुल, प्रियंका मोदी जी के सपने में भी आते हैं. यही कारण है कि बात-बात में राहुल तथा प्रियंका की बात करते हैं. महंगाई, बेरोजगारी, 15 लाख खाते में आने की बात, नोट बंदी से हुए नुकसान तथा लॉक डाउन के कारण बंद हुई है हजारों छोटी बड़ी फैक्ट्री की बात नहीं करते. उन्होंने कहा कि जनता के अच्छे दिन तो नहीं आए लेकिन भाजपा के अंतिम दिन आ गए. धनबाद से उन्होंने कांग्रेस की जीत पक्की बताई. पूर्णिया लोकसभा सीट से उन्हें टिकट नहीं मिलने की बात का कोई साफ-साफ जवाब तो नहीं दिया, लेकिन इतना जरूर कहा कि पूर्णिया लोकसभा राजद के कोटे में चले जाने से यह सब बखेड़ा खड़ा हुआ. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने उन्हें धैर्य, लड़ने की क्षमता तथा मोरल सपोर्ट दिया है. यही वजह है कि वह पूर्णिया से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने कांग्रेस की प्रत्याशी को धनबाद के सांसद के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार बताया.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
4+