धनबाद(DHANBAD): झारखंड में लोकसभा चुनाव लड़ने वालों की तस्वीर धीरे-धीरे साफ हो रही है. एनडीए में पहले ही कुल 14 सीटों पर उम्मीदवार की घोषणा कर चुका है. लेकिन अब इंडिया ब्लॉक भी सहम सहम कर ही सही, प्रत्याशियों की घोषणा कर रहा है. मंगलवार को ही कांग्रेस ने तीन सीटों पर अपने उम्मीदवार की घोषणा की.
एनडीए ने 7 तो इंडिया ब्लॉक ने अब तक 9 सीटों पर प्रत्याशी बदला
वैसे इस बार झारखंड में उम्मीदवार बदलने की बयार बह रही है. यह बयार एनडीए में भी है तो इंडिया ब्लॉक भी बदलाव के बयार के झोंके से प्रभावित है. एनडीए ने 7 प्रत्याशियों को बदला है तो इससे आगे निकलते हुए इंडिया ब्लॉक ने अब तक 9 सीटों पर प्रत्याशी बदल दिया है. संभावना व्यक्त की जा रही है कि जिन दो सीटों पर अभी तक इंडिया ब्लॉक ने घोषणा नहीं की है, वहां भी प्रत्याशी बदले जा सकते हैं. हालांकि घोषणा के बाद ही इस संबंध में ठोस ढंग से कुछ कहा जा सकता है. लेकिन अभी तक के घोषणा में इंडिया गठबंधन ने 9 प्रत्याशियों को बदल दिया है.
रांची और जमशेदपुर लोकसभा सीट से इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवारों की घोषणा नहीं हुई है
इंडिया गठबंधन ने जिन लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार बदले हैं. उनमें दुमका, गिरिडीह, चाईबासा, धनबाद, चतरा,पलामू ,कोडरमा, गोड्डा, हजारीबाग शामिल है. अभी रांची और जमशेदपुर लोकसभा सीट से उम्मीदवारों की घोषणा इंडिया ब्लॉक ने नहीं किया है. अगर रांची और जमशेदपुर से इंडिया ब्लॉक प्रत्याशी बदलता है तो इसकी संख्या 11 हो जाएगी. मतलब 14 सीटों में 11 प्रत्याशी बदले बदले होंगे.
NDA ne in सीटों पर बदले उम्मीदवार
एनडीए ने जिन सीटों पर उम्मीदवार बदले हैं उनमें हजारीबाग, दुमका, लोहरदगा, सिंहभूम, धनबाद, चतरा और राजमहल शामिल हैं. कांग्रेस को रांची सीट पर उम्मीदवार की घोषणा करनी है जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा को जमशेदपुर सीट पर प्रत्याशी की घोषणा करनी है. प्रत्याशी बदलने के इस प्रयोग से किसको कितनी सफलता मिलेगी, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. लेकिन एनडीए और इंडिया ब्लॉक ने झारखंड में प्रत्याशी बदलकर एक नया प्रयोग किया है. एनडीए ने दूसरे दलों से आई दो महिला प्रत्याशियों को उम्मीदवार बनाया है. दुमका से सीता सोरेन और सिंहभूम से गीता कोड़ा को एनडीए ने उम्मीदवार बनाया है. तो इंडिया ब्लॉक ने भी भाजपा से आए जे पी पटेल को हजारीबाग से उम्मीदवार बनाया है. वैसे कहा जा सकता है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में झारखंड के विधायकों की लॉटरी लग गई है. लेकिन इसके साथ ही विधायकों की चुनौती भी अधिक हुई है. लोकसभा चुनाव में विजई होना, उनके आगे के करियर के लिए महत्वपूर्ण हो जाएगा.जीत नहीं मिली तो राजनीतिक नेपथ्य में भी जाने का खतरा रहेगा.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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