टीएनपी डेस्क (TNP DESK):-ओडिशा रेल हादसे ने देश ही नहीं दुनिया को झकझोर कर रखा दिया, अभी तक 300 लोग बेवजह अकाल मौत को गले लगाया. 2 जून की शाम के उस काले दिन को याद नहीं रखेगा, क्योंकि इंसानी जिंदगी छीन गई . इसके साथ ही इंसानियत क्या होती है, औऱ यह कितनी बड़ी चिज होती है. इसकी नजीर भी देखने को मिली थी .बालेश्वर जिले के बाहानगा बाजार स्टेशन के पास हुए इस ट्रेन हादसे में मदद के लिए हाथ यही के स्थानीय लोगों ने उठाए. शाम को जान पर खेलकर जितनी मदद हो सकी उतना किया . आसपास के ग्रामीणों ने जिंदगियां बचाने के लिए पूरी शिद्दत से जुट गये औऱ इंसानियत की मिसाल पेश की
बहानागा को देश कर रहा सलाम
2 जून की उस काली शाम को किसी को पता नहीं था कि इतना बड़ा हादसा उनके बगल के रेलवे ट्रेक पर हो जाएगा , ग्राउंड जीरो पर स्थानीय पुलिस, प्रशासन, एनडीआरएफ, ओडिशा आपदा राहत दल की टीम के पहुंचने से पहले बाहानगा के स्थानीय ग्रामीण ने ही जिंदगी बचाने की मुहिम में लग गये. बहानगा के लोगों के इस सेवा औऱ समर्पण को लेकर पूरा देश ने सलाम किया .
बहानागा को रेल मंत्री का तोहफा
इस दर्दनाक रेल हादसे आधा महीने गुजर जाने के बाद केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बालासोर के बहानगा बाजार में स्थानीय लोगों से मुलाकात की और उनका हाल चाल जाना . उनके सेवा भाव को लिए शुक्रिया अदा किया, रेल मंत्री ने बहानगा अस्पताल के लिए 1 करोड़ रुपए और बहानगा और उसके आसपास के गांवों के लिए भी 1 करोड़ रुपए देने की घोषणा की.
2 जून को हुआ था रेल हादसा
दो जून को हुए बाहनगा हादसे में 292 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 1,200 यात्री घायल हो गए थे। हादसे की जांच सीबीआई और रेलवे प्रोटेक्शन बोर्ड कर रही है. हालांकि, अभी तक यह मालूम नहीं पड़ सका है कि इस मामले में किसकी गलती है. इस ट्रेन दुर्घटना में तीन ट्रेन शामिल थी.
रिपोर्ट- शिवपूजन सिंह
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