धनबाद (DHANBAD) : सूर्यदेव सिंह स्थापित जनता मजदूर संघ का अब क्या तीसरा गुट भी बनेगा. यह सवाल इसलिए उठ रहा है कि रामधीर सिंह की बहू आसनी सिंह ने जनता मजदूर संघ कुंती गुट के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. वैसे, तो जनता मजदूर संघ को लेकर सिंह मेंशन परिवार में विवाद पुराना है. पहले झरिया के पूर्व विधायक कुंती सिंह और पूर्व मंत्री बच्चा सिंह अलग अलग हुए. जनता मजदूर संघ कुंती गुट और बच्चा गुट बना. दोनों यूनियनों का मामला अभी भी लेबर कोर्ट में चल रहा है. इधर आसनी सिंह के इस्तीफे से एक बार फिर यह विवाद बढ़ने की संभावना है.
इस्तीफा संघ की अध्यक्ष कुंती सिंह को बहू ने भेजा इस्तीफा
आसनी सिंह के ससुर रामधीर सिंह एक समय जनता मजदूर संघ कुंती गुट के अध्यक्ष थे. सजायाफ्ता होने के बाद जब सवाल उठा तो रामधीर सिंह को अध्यक्ष पद से हटाकर कुंती सिंह को अध्यक्ष बनाया गया. रामधीर सिंह अभी हजारीबाग जेल में बंद है. अभी जनता मजदूर संघ कुंती गुट के अध्यक्ष कुंती सिंह है, उनके छोटे बेटे सिद्धार्थ गौतम महामंत्री हैं. जबकि बहू रागनी सिंह अभी संयुक्त महामंत्री हैं. आसनी सिंह को कुछ माह पूर्व ही उपाध्यक्ष बनाया गया था. लेकिन उन्होंने इस्तीफा दे दिया है. आसनी सिंह ने सोमवार को अपना इस्तीफा संघ की अध्यक्ष कुंती सिंह को भेजा है. लिखा है इस पद पर रहते हुए जब मजदूरो की समस्याओं को लेकर किसी प्रकार का काम नहीं कर सकती, यहां तक कि मजदूरों की समस्याओं को लेकर पत्राचार तक नहीं कर सकती तो पद पर बने रहने का कोई औचित्य नहीं है. इसलिए इस्तीफा दे रही हूं, जल्द ही अपने समर्थकों के साथ बैठक कर आगे का निर्णय लूंगी. इस इस्तीफे को संघ के अंदर चल रहे विवाद की नजरों से देखा जा रहा है. बता दें कि राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ से अलग होकर सूर्यदेव सिंह ने 70 के दशक में जनता मजदूर संघ बनाया था. इस संघ को बनाने में भी सूर्यदेव सिंह को कड़ा संघर्ष करना पड़ा था, क्योंकि उस समय कोयलांचल में राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ कि अपनी पहचान थी. सांसद रामनारायण शर्मा राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ के महामंत्री हुआ करते थे. उस समय कांग्रेस का शासन था. और राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ कांग्रेस समर्थित समर्थित यूनियन थी. उस समय कई बाधाओं को पार करते हुए सूर्यदेव सिंह ने जनता मजदूर संघ का गठन किया था. गठन के बाद से यूनियन आगे बढ़ती चली गई लेकिन यूनियन की धाक परिवारिक विवाद के कारण कम होती चली गई. पहले यूनियन दो गुटों में बटी लेकिन अब तीसरे की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है.
रिपोर्ट : सत्यभूषण सिंह, धनबाद
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