खादी के नाम पर दो करोड़ रुपये की लागत से बने पार्क का लोग क्यों कर रहे उद्घाटन का इंतजार, जानिये पूरा मामला


दुमका (DUMKA): स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान खादी वस्त्र एक प्रतीक बन गया था, आजादी के मतवालों का. देश आजाद हुआ तो खादी के प्रति भारतीय का एक भावनात्मक लगाव रहा. खादी के प्रति लोगों का आत्मीय सम्मान बरकरार रहे, इसको लेकर कई राज्यों में खादी ग्रामोद्योग बोर्ड की स्थापना की गयी. झारखंड राज्य खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड का गठन हुआ. उद्देश्य था खादी वस्त्र निर्माण के सहारे आम लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने का. इसी उद्देश्य के साथ दुमका के दुधानी पंचायत में खादी पार्क का निर्माण हुआ. लेकिन आज तक इसका उद्घाटन नहीं हो सका है.
निर्माण की कहानी
इसके निर्माण की कहानी भी थोड़ी अलग है. वर्ष 2014 में जब तत्कालीन दुमका विधायक हेमंत सोरेन 14 महीने के लिए सत्ता में आए तो उन्होंने दुमका के दुधानी में खादी पार्क के निर्माण की आधारशिला रखी. बाद में वे चुनाव हार गए और रघुवर दास के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी. रघुवर सरकार में दुमका विधायक डॉ. लुईस मरांडी कल्याण मंत्री बनीं. संजय सेठ झारखंड राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के चैयरमेन बनाए गए. वर्ष 2018 में लुईस मरांडी और संजय सेठ ने संयुक्त रूप से खादी पार्क निर्माण के लिए भूमि पूजन किया. 2 करोड़ रुपये की लागत से खादी पार्क का भवन बनकर दिसंबर 2021 में बन कर तैयार हो गया. लेकिन जिस उद्देश्य के साथ खादी पार्क का निर्माण हुआ वह अभी तक पूरा नहीं हो पाया. दुधानी पंचायत सहित आस पास के लोगों की उम्मीद जगी की अब उन्हें अपने घर मे रहकर ही रोजगार मिलेगा, पलायन से मुक्ति मिलेगी. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. तभी तो स्थानीय लोग खादी पार्क चालू करने की मांग सरकार से कर रहे हैं.
रिपोर्ट: पंचम झा, दुमका
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