रांची(RANCHI): झारखंड में इंदिरा के नाम से फेमस हुई कल्पना सोरेन का कद अब और बढ़ने जा रहा है. चुनाव में प्रचंड जीत के बाद अब झामुमो कल्पना सोरेन को बड़ी जिम्मेदारी देने वाली है. इसकी तैयारी पूरी है बस घोषणा बाकी है. आधिकारिक रूप से झामुमो के केन्द्रीय अधिवेशन में कल्पना सोरेन के सिर पर एक और ताज सजने वाला है. जिसके बाद पार्टी की बागडोर कल्पना के हाथ में आ जाएगी. साथ ही पार्टी नए स्वरूप में दिखेगी. कल्पना के नेतृत्व में ही बिहार चुनाव में पार्टी उतरेगी. अब बस इंतजार केन्द्रीय अधिवेशन का है. जब नए तेवर और कलेवर में कल्पना सोरेन दिखेंगी.
दरअसल, झारखंड में धमाल मचाने के बाद पूरे देश में कल्पना सोरेन की चर्चा है. हेमंत सोरेन भले ही मुख्यमंत्री बने लेकिन जलवा कल्पना सोरेन का कायम है. चुनाव से पहले या चुनाव के बाद जब भी कल्पना कहीं निकलती हैं तो उनके चाहने वाले लोग दौड़ पड़ते हैं. घंटों खड़े हो कर अपने नेता का इंतजार करते हैं. तभी तो अब संगठन भी कल्पना की लोकप्रियता देख कर उन्हें जिम्मेवारी देने वाला है. ताकि अन्य चुनाव में भी इसका फायदा देखने को मिले.
सोशल मीडिया पर भी ट्रेंड में रहती हैं कल्पना
पहले किसी पद में नहीं होते हुए भी जब कल्पना भाषण देती थीं तो भीड़ में एक सन्नाटा पसर जाता था और बड़े ही ध्यान से लोग भाषण को सुनते थे. भीड़ सिर्फ मैदान में नहीं रहती है बल्कि सोशल मीडिया पर भी सबसे ज्यादा ट्रेंड में कल्पना सोरेन का वीडियो रहता है. जिस अंदाज में स्टेज पर एंट्री के साथ जोहार के साथ अपने धमाकेदार भाषण की शुरुआत कल्पना करती है तब सामने कोई भी हो सब उन्हीं को सुनते हैं. वह तथ्य के साथ विपक्ष पर तीर चलाती है. जिससे उस तीर का जवाब भी देना मुश्किल हो जाता है.
कुछ ऐसी ही तस्वीर लोकसभा और विधानसभा चुनाव में देखने को मिली. लोकसभा चुनाव के दौरान हेमंत सोरेन जेल में थे पार्टी को कौन संभालेगा यह बड़ा सवाल था. चर्चा यह भी शुरू हुई की अब झामुमो बिखर जाएगा. लेकिन घर की दहलीज को लांघ कर कल्पना मुर्मू सोरेन चुनावी अखाड़े में उतर गई. सिर्फ खुद ही पहली बार विधायक नहीं बनी बल्कि लोकसभा में पांच सीट इंडी गठबंधन के नाम कर दिया. एक हवा कल्पना सोरेन के नाम की चली जो अब रुकने को तैयार नहीं है.
कल्पना सोरेन ने ही मंईयां योजना का सपना देखा था. जिससे राज्य की बेटी-बहन आत्मनिर्भर बने. हर तरफ खुशी हो कोई उदास न हो. कल्पना सोरेन के ही फैसले को हेमंत ने अपनी कैबिनेट में रखा. ऐसे कई निर्णय है जिसका सुझाव कल्पना सोरेन ने हेमंत सोरेन को दिया और वह योजना हिट भी हो गई. अब एक बात तो साफ हो गई है दूर-दूर तक केंद्र से लेकर राज्य तक कोई कल्पना के टक्कर में नहीं है.
रिपोर्ट: समीर हुसैन
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