Jharkhand:कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी ने एक तीर से कैसे कई निशाने साधे है ,पढ़िए इस रिपोर्ट में !!
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धनबाद (DHANBAD) : झारखंड के नए कांग्रेस प्रदेश प्रभारी के राजू की प्रदेश में सक्रियता से न केवल कांग्रेस के नेताओं में हलचल है, बल्कि सियासत भी धीरे-धीरे गर्म होने लगी है. चाईबासा में के राजू ने कहा कि यह नहीं सोचना चाहिए कि दूसरी पार्टी उन्हें आगे लेकर जाएगी. उन्हें खुद इसके लिए जमीन तैयार करनी होगी. आदिवासी, मूलवासी को कांग्रेस ही आगे लेकर जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड में झामुमो को सपोर्ट करें, लेकिन कांग्रेस की अपनी एक पहचान है. उस पहचान को आगे बढ़ाने की जरुरत है. उन्होंने आह्वान किया कि सभी को साथ लेकर सरकार और संगठन के बीच बेहतर तालमेल के साथ जनता से किए गए वादे को पूरा किया जाना चाहिए .
संगठन को चलाने नहीं, बढ़ाने आये है
उन्होंने यह भी कहा कि वह झारखंड में संगठन को चलाने के लिए नहीं, बल्कि सभी के सहयोग से आगे बढ़ाने और मजबूत करने के लिए आए है.राजनितिक पंडित बताते है कि उनका यह कहना झामुमो को तो सन्देश है ही, झारखंड में कांग्रेस कोटे के मंत्रियो के लिए भी चेतावनी है. झारखंड में कांग्रेस कोटे के मंत्रियो पर भी चुनाव में किये गए वादों को पूरा करने का दबाव है. बता दे कि कांग्रेस अभी झारखंड सरकार में शामिल है. बिहार में चुनाव इसी साल होने है.
कांग्रेस आलाकमान ने दिया है कड़ा सन्देश
कांग्रेस आलाकमान ने झारखंड और बिहार के कांग्रेस प्रभारी को बदलकर एक बड़ा संदेश देने का प्रयास किया है. झारखंड और बिहार दोनों जगहों पर कांग्रेस का फिलहाल इंडिविजुअल अस्तित्व बहुत मजबूत नहीं है. कांग्रेस बैसाखी के सहारे ही चल रही है. बिहार में 2020 के चुनाव में तो कांग्रेस पर यह आरोप भी लगा कि अगर कांग्रेस कुछ कम सीटों पर चुनाव लड़ती, तो बिहार में महागठबंधन की सरकार बन सकती थी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. झारखंड में भी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बहुत बेहतर परफॉर्मेंस नहीं कर सकी. 2019 में भी उसके खाते में 16 सीट थी तो 2024 में भी 16 सीट ही मिली.
पढ़िए-क्या है भाजपा की प्रतिक्रिया
इधर, भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समीर उरांव ने झारखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी के बयान पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस प्रभारी का बयान पूरी तरह से दिखावा है. सच्चाई तो यह है कि कांग्रेस का इतिहास आदिवासी, मूलवासी के विरोध से भरा हुआ है. कांग्रेस के डीएनए में आदिवासी, मूलवासी का केवल शोषण और दमन ही है. झारखंड की जनता कांग्रेस के चाल, चरित्र को पूरी तरह समझ गई है. उन्होंने कहा कि जब एक आदिवासी बेटी को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया, तब कांग्रेस ने द्रौपदी मुर्मू का न केवल राजनीतिक विरोध किया बल्कि अशोभनीय शब्दों से बार-बार अपमानित भी किया.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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