दुमका(DUMKA):संताल परगना का प्रमंडलीय मुख्यालय दुमका है और संताल परगना को झामुमो का गढ़ माना जाता है. हालिया संपन्न विधान सभा चुनाव में यह साबित हो चुका है. प्रमंडल के 6 जिलों के 18 विधानसभा सीट में से 11 सीट पर झामुमो ने जीत दर्ज की जबकि कुल 17 सीट पर इंडी गठबंधन का कब्जा रहा.वहीं बीजेपी को एक मात्र जरमुंडी सीट से संतोष करना पड़ा. वहीं लोकसभा चुनाव में 3 में से 2 सीट पर झामुमो ने कब्जा जमा कर अपनी बादशाहत कायम की थी.
बगैर जिलाध्यक्ष के संगठन ने लड़ा कई चुनाव, सिर्फ 2019 के लोकसभा चुनाव में मिली थी पराजय
इन आंकड़े को देखने के बाद आप भी यही सोच रहे होंगे कि संगठनात्मक रूप से झामुमो काफी मजबूत रहा होगा. हकीकत यही है कि यहां संगठन से ज्यादा कार्यकर्ता पार्टी के प्रति समर्पित रहते हैं. इसकी एक बानगी दुमका में देखने को मिलती है, जहां लगभग साढे 6 वर्षों तक जिलाध्यक्ष का पद रिक्त रहा, इसके बाबजूद कई चुनाव में पार्टी ने सफलता का परचम लहराया.बगैर जिलाध्यक्ष के झामुमो ने वर्ष 2019 का लोकसभा और विधान सभा चुनाव, 2020 में दुमका विधान सभा उपचुनाव, 2024 में लोक सभा और विधान सभा का चुनाव लड़ा. इसमे मात्र 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को पराजय का सामना करना पड़ा. जिले के शिकारीपाड़ा और जामा विधान सभा सीट पर झामुमो को 2019 और 2024 में सफलता मिली.
साढे 6 वर्षों बाद शिव कुमार बास्की के रूप में दुमका को मिला झामुमो जिलाध्यक्ष
आपको जानकर हैरानी होगी कि झारखंड की उपराजधानी दुमका में लगभग साढे 6 वर्षों तक झामुमो जिलाध्यक्ष का पद रिक्त रहा. वर्षों जिलाध्यक्ष का पद संभालने वाले सुभाष सिंह शारीरिक अस्वस्थता के कारण वर्ष 2017-18 में अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था. उसके बाद से ही जिलाध्यक्ष का पद खाली था. अब जाकर शिव कुमार बास्की के रूप में पार्टी को नया जिलाध्यक्ष मिला है. पार्टी महासचिव विनोद कुमार पाण्डेय के लेटर पैड पर दुमका जिला अध्यक्ष के अलावे उपाध्यक्ष पद पर भैरव दत्ता, सचिव के लिए निशित वरण गोलदार, कोषाध्यक्ष पद पर चंदन भुवानियां और जिला प्रवक्ता के पद पर अब्दुस सलाम अंसारी के नाम की घोषणा की गई है.
नवनियुक्त जिलाध्यक्ष ने पार्टी आलाकमान के प्रति जताया आभार
नवनियुक्त जिला अध्यक्ष शिव कुमार बास्की ने जिम्मेदारी मिलने पर पार्टी आलाकमान के प्रति आभार जताया है,उन्होंने कहा कि संगठन की मजबूती के लिए उनका कार्यकाल समर्पित रहेगा.वर्षों तक जिलाध्यक्ष का पद रिक्त रहने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जिला अध्यक्ष के बजाय संयोजक मंडली का गठन कर जिम्मेदारी बांटी गई थी. पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन और दुमका विधायक बसंत सोरेन का संगठनात्मक कार्य पर पैनी नजर रही और उनके मार्गदर्शन में पार्टी को सफलता मिलती गई.
रिपोर्ट-पंचम झा
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