धनबाद(DHANBAD): झारखंड में भी क्या रोटेशन पर में मुख्यमंत्री की परिपाटी चालू होगी? क्या कांग्रेस को पूरी उम्मीद है कि उसे 25 से 30 सीट हरहाल में आएगी? क्या कांग्रेस अपनी शर्तो पर झामुमो को राजी कर पाएगी ?यह सब सवाल अनायास ही नहीं उठ रहे है. दरअसल ,कांग्रेस के झारखंड चुनाव प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने कहा है कि झारखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को यदि 25 से 30 सीटें मिली तो राज्य में रोटेशन पर मुख्यमंत्री बनेंगे. यानी सरकार के आधे कार्यकाल में कांग्रेस के मुख्यमंत्री रहेंगे. क्या ऐसा झारखंड मुक्ति मोर्चा कभी चाहेगा कि झारखंड में रोटेशन पर मुख्यमंत्री बने.
यह अलग बात है कि झारखंड के चुनाव में एनडीए हो या इंडिया ब्लॉक, सब जगह "प्रेशर पॉलिटिक्स" फिलहाल हावी हो गई है. विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टियां जैसे-जैसे कमर कस रही है, वैसे-वैसे प्रेशर पॉलिटिक्स भी बढ़ता जा रहा है. यह बात भी सच है कि विधानसभा चुनाव में झारखंड में एनडीए गठबंधन और इंडिया ब्लॉक के बीच सीधी टक्कर होगी. एनडीए हो या इंडिया ब्लॉक, सभी अपनी ताकत बढ़ाने के लिए कुनवा जोड़ रहे है. एनडीए गठबंधन में जदयू नया कोण बनाने की तैयारी में है, तो मासस का माले में विलय से भी नया समीकरण उभरेगा.
सूचना के अनुसार झारखंड में जदयू 4 से 5 सीटों पर दावा करने की जमीन तैयार कर रहा है. राजा पीटर की जदयू में वापसी इसका बड़ा संकेत माना जा रहा है. एक सोची -समझी रणनीति के तहत ही राजा पीटर को जदयू में शामिल कराया गया है. तमाड़ से राजा पीटर को उम्मीदवार बनाया जा सकता है. जमशेदपुर पूर्वी से दावेदारी कर रहे चर्चित विधायक सरयू राय पहले ही जदयू में शामिल हो चुके है. भाजपा और आजसू का गठबंधन भी लगभग तैयार हो गया है. सूचना के अनुसार आजसू को 6 से 8 सीटों पर हिस्सेदारी मिल सकती है. इधर, इंडिया गठबंधन की बात की जाए तो कांग्रेस 30 या 35 सीटों पर अपनी दावेदारी कर सकती है. कांग्रेस ने विधानसभा के लिए अपनी तैयारी अब जाकर शुरू कर दी है.
जम्मू कश्मीर में चुनाव के बाद झारखंड के कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर का रांची दौर शुरू हो गया है. कुल मिलाकर सभी पार्टिया झारखंड में इस बार अपनी जमीन तलाश रही है. भाजपा ने तो नेताओं के दौरे की झड़ी लगा दी है तो इंडिया गठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कई कल्याणकारी योजनाओं को लेकर जनता के बीच पहुंच रहे है. इधर, एनडीए झारखंड के लोगों को इंडिया ब्लॉक से सावधान रहने की बात कह रहा है, तो इंडिया ब्लॉक भी एनडीए को झारखंड का विरोधी बता रहा है. कोयला खनन कंपनियों के बकाया को प्रमुखता से इंडिया ब्लॉक उठा रहा है. हेमंत सोरेन ने तो आज विज्ञापन देकर बकाया एक लाख छत्तीस हज़ार करोड़ की मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कर दी है. शायद, भाजपा के विज्ञापन की -अब तक मिला क्या? के जवाब में हेमंत सोरेन ने ऐसा कुछ किया होगा.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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