धनबाद(DHANBAD): झारखंड का ग्रामीण विकास विभाग एवं ग्रामीण कार्य विभाग अभी एकाएक चर्चा में नहीं आया है. इसके पहले भी चर्चा इन विभागों की होती रही है. इन विभागों के मंत्री जेल जा चुके हैं. निर्दलीय विधायक मधु कोड़ा की सरकार में शपथ लेने वाले ग्रामीण विकास मंत्री एनोस एक्का और ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री हरिनारायण राय भी जेल जा चुके हैं. 2006 में मधु कोड़ा के साथ दोनों ने मंत्री पद की शपथ ली थी. उसे समय मधु कोड़ा भी निर्दलीय थे और मंत्रिमंडल में भी निर्दलीय विधायकों का सरकार चलाने के लिए सहयोग लिया गया था. फिर एक बार ग्रामीण विकास विभाग चर्चा में आया है. इस विभाग के मंत्री आलमगीर आलम को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया है .इस गिरफ्तारी ने झारखंड के कई अधिकारियों की भी नींद हराम कर दी है.ऐसा सूत्र बताते हैं .आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल की गिरफ्तारी के बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि आलमगीर आलम पर खतरा मंडरा रहा है और यह खतरा बुधवार को गिरफ्तारी के रूप में सामने आया. महागठबंधन की सरकार में आलमगीर आलम की हैसियत दूसरे नंबर की थी. संगठन में भी उनका चलता था. 2024 के चुनाव में कांग्रेस कोटे के उम्मीदवारों के चयन में भी इनकी चली है.पाकुड़ के बरहरवा प्रखंड के इस्लामपुर गांव में जमींदार परिवार में जन्मे आलमगीर आलम पांच भाइयों में से दूसरे नंबर पर हैं. आलमगीर आलम की गिरफ्तारी के बाद उनके इस्लामपुर स्थित पैतृक आवास में सन्नाटा पसर गया है. गिरफ्तारी की सूचना मिलने के बाद उनके घर के मुख्य द्वार को अंदर से बंद कर दिया गया है. लोगों ने बताया कि आलमगीर आलम के परिवार के लोग अभी रांची में है .लगभग 6 दिन पहले आलमगीर आलम यहां अकेले आए थे. साहिबगंज और पाकुड़ में पार्टी के कुछ कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के बाद दो दिन पहले ही लौट गए थे. वैसे मंत्री के पीएस के घर से राशि बरामदगी के बाद से ही कांग्रेस ने उनसे दूरी बनानी शुरू कर दी थी. कांग्रेस के चुनावी कार्यक्रम से उनको अलग कर दिया गया था. पार्टी को भी अंदेशा था कि यह मामला तूल पकड़ेगा और चुनाव पर इसका असर पड़ सकता है. इसलिए उन्हें पार्टी के कार्यक्रमों से दूर रखा जाने लगा. 13 मई को झारखंड के चार लोकसभा क्षेत्र में चुनाव हुए और उसके दो दिन बाद 15 मई को प्रवर्तन निदेशालय ने दो दिनों के पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया. जानकारी के अनुसार ग्रामीण विकास विभाग एवं ग्रामीण कार्य विभाग में भारी पैमाने पर टेंडर मैनेज करने में कमीशन खोरी का काम हुआ है. अब ग्रामीण विकास विभाग के निचले स्तर से लेकर बड़े अधिकारी भी प्रवर्तन निदेशालय के निशाने पर होंगे. सूत्र बताते हैं कि 22 फरवरी 2023 को गिरफ्तार हुए तब के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम ने पहली बार मंत्री आलमगीर आलम तक कमीशन की राशि पहुंचाने की बात स्वीकारी थी.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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