टीएनपी डेस्क(TNP DESK): 27 फरवरी से झारखंड का बजट सत्र शुरू होगा. बजट को लेकर सरकार जहां तैयारी में जुटी है, वहीं लोगों को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं. बजट सत्र से पहले गुरुवार को हेमंत कैबिनेट की अहम बैठक होगी. बजट सत्र को ध्यान में रखते हुए ये बैठक काफी खास होने वाली है. इस कैबिनेट बैठक में कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी मिलेगी. प्रोजेक्ट भवन में शाम 4 बजे से यह बैठक होगी.
किन मुद्दों पर होगी चर्चा?
झारखंड सरकार के लिए अभी सबसे बड़ा मुद्दा नियोजन नीति का है. हाई कोर्ट ने जबसे नियोजन नीति को रद्द किया है, तभी से ही राज्य के युवाओं में आक्रोश है. विपक्ष भी लगातार सरकार पर इसे लेकर हमला कर रहा है. नियोजन नीति इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि आने वाले चुनाव में रोजगार एक बड़ा मुद्दा बनने वाला है. सीएम हेमंत सोरेन ने पिछले चुनाव में भी युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था. लेकिन नियोजन नीति रद्द होने से राज्य के युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही, और तो और जो भर्तियां निकली थी, वो भी रद्द हो गई. ऐसे में नियोजन नीति लाकर सरकार जल्द से जल्द युवाओं को रोजगार देना चाहेगी, ताकि आने वाले चुनाव में मजबूत स्थिति के साथ उतरे.
स्थानीयता विधेयक दोबारा लाने का प्रस्ताव होगा पास
झारखंड सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर 1932 आधारित स्थानीयता विधेयक को सदन में पेश किया था. सदन से पास होने के बाद विधेयक राज्यपाल के पास पहुंचा, जिसे राज्यपाल ने वापस लौटा दिया. इसके बाद से ही राज्य की राजनीति गर्म हो गई. सरकार और राजभवन आमने-सामने आ गए. 1932 खतियान आधारित स्थानीयता झामुमो के लिए एक बहुत बड़ा मुद्दा है, चुनावी वादा के साथ-साथ पार्टी का जोर इस पर शुरू से रहा है. ऐसे में झारखंड सरकार इस विधेयक को लटका हुआ नहीं छोड़ सकती. ऐसे में उम्मीद है कि कैबिनेट बैठक में इस विधेयक को दोबारा लाने पर विचार-विमर्श होगा.
27 फरवरी से होगा बजट सत्र
बता दें कि झारखंड विधानसभा का बजट सत्र 27 फरवरी से 24 मार्च तक चलेगा. इस बजट सत्र को लेकर सरकार ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है. 3 मार्च को राज्य सरकार बजट पेश करेगी.
आने वाला नया वार्षिक बजट लोक बजट (पीपुल्स बजट) है. इसके संकेत वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने दिए थे. तमाम लोगों से राय ली गई है. राज्य के अलग-अलग जगहों के लोगों से बात की गई है. बजट के बारे में बताया गया है कि बजट बनाने के लिए समाज के विभिन्न तबकों और अलग-अलग विशेषज्ञों से राय ली गई है. नया बजट मुख्य रूप से आम आदमी पर केंद्रित होने की संभावना है. झारखंड में अभी सबसे बड़ी समस्या गरीबी, बेरोजगारी और पिछड़ेपन की है. इसी को ध्यान में रखते हुए बजट तैयार किया गया है. इन समस्याओं के समाधान के लिए बजट में प्रावधान किया जा सकता है. बजट में बेरोजगारी दूर करने के लिए रोजगार सृजन पर जोर दिया जा सकता है. रोजगार मिलेगा तो गरीबी भी दूर होगी. इसके साथ ही सरकार का सबसे ज्यादा ध्यान किसानों पर होगा. राज्य के किसान सुखाड़ की मार झेल रहे हैं. ऐसे में बजट में किसानों के लिए कई घोषणाएं हो सकती है.
चुनावी वादों पर होगा सरकार का विशेष ध्यान
कृषि और गरीबी के अलावा राज्य सरकार अपने चुनावी घोषणाओं पर ध्यान देगी. बहुत सारे वादे सरकार अभी पूरा नहीं कर पाई है. इसके साथ ही कोविड की संभावित लहर को देखते हुए और राज्य में लचर स्वास्थ्य व्यवस्था को देखते हुए स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी सरकार विशेष ध्यान देगी.
4+