रांची(RANCHI): झारखंड घोटालों का प्रदेश बन गया.हर तरफ कमीशन के पैसे और घोटाले के साक्ष्य मिल रहे है.अवैध खनन,जमीन और अब ग्रामीण विकास विभाग में घोटाले सांमने आये है.इस पूरे खेल में मंत्री से लेकर अधिकारी तक शामिल है.अब ED यानी प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई में खुलासा हुआ है कि सूबे में तीन हजार करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है.जिन पर ग्रामीण इलाकों के विकास का जिम्मा था वह खुद का विकास करने में लगे थे.कमीशन के पैसे बटवारे के लिए कोड वर्ड का इस्तेमाल किया जाता था.साथ ही कमीशन की राशि बढ़ाने पर अधिकारी का तबादला भी कर दिया गया था.अब मंत्री आलमगीर आलम पूछताछ में खुलासा कर रहे है.
ED के गिरफ्त में मंत्री आलमगीर
ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम ईडी की गिरफ्त में है.कोर्ट से रिमांड पर लेकर मंत्री जी से लगातार पूछताछ जारी है.अब तक की पूछताछ में कई जानकारियां मिली है.जिसमें बताया जा रहा है कि टेंडर के नाम पर तीन हजार करोड़ रुपये के कमीशन वसूल किये गए है.इस पैसे का बंटवारा मंत्री और उनके अधिकारियों के बीच हुआ है.इस वसूली में एक अधिकारी के नाम पर लिए गए करीब 5 करोड़ रुपये के साक्ष्य भी ईडी को मिले है.जिसे मंत्री को रिमांड पर लेने के दौरान कोर्ट में रिमांड पिटिशन के जरिये बताया गया है.
डायरी ने खोला राज
इस पूछताछ के बीच ही 2021 से 22 तक ग्रामीण विकास विभाग में सचिव के पद पर रहे मनीष रंजन को ईडी ने 24 तारीख को।तलब किया है.इस अधिकारी को कितना कमीशन दिया गया.इसका जिक्र आलमगीर की डायरी में मिला है.साथ ही पूछताछ के दौरान मंत्री ने भी नाम लिया है. पूछताछ में यह भी बात सामने आई कि पहले टेंडर पर कमीशन 0.7 प्रतिशत था लेकिन बाद में 1.25 कर दिया गया.कमीशन बढ़ाने पर अधिकारी को ग्रामीण विकास विभाग से हटा दिया गया.इससे साफ है कि मनीष रंजन के बाद जिन्हें जिम्मेवारी मिली उन्होंने भी मंत्री के साथ मिल कर कमीशन का खेल खेला है.जिन्हें भी ईडी
तलब कर सकती है.
ग्रामीण विकास विभाग में बड़ा खेल
पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ कि जनवरी में करीब 25 टेंडर के बदले 1.23 करोड़ रुपये वसूल किये गए है.इसके अलावा 2022 में एक सहायक अभियंता से मंत्री ने 3 करोड़ रुपये से अधिक लिया है.जिसके सबूत ईडी को मिले है.अब जिन्होंने कमीशन दिया है उन्हें भी बुलाने की तैयारी है.
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