धनबाद(DHANBAD): झारखंड को अपना पथ परिवहन निगम नहीं है.राज्य गठन के 22 साल बाद भी यह सुविधा इस प्रदेश के पास नहीं है. संयुक्त बिहार के समय झारखंड में भी बिहार राज्य पथ परिवहन निगम कार्यरत था .लेकिन अलग राज्य गठन के कुछ ही साल बाद पथ परिवहन निगम का अस्तित्व समाप्त हो गया. उसके बाद इसकी कवायद नहीं की गई. हालांकि यह संतोष की बात है कि सरकार फिलहाल इस दिशा में सक्रिय हुई है. इसके लिए परिवहन विभाग की टीम कई राज्यों का दौरा कर वहां चल रहे पथ परिवहन निगम के क्रियाकलापों की जानकारी ली है. टीमों ने अपनी रिपोर्ट विभाग को सौंप दी है .इसी आधार पर प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार की मंजूरी ली जाएगी और संभव है कि झारखंड में भी पथ परिवहन निगम का गठन हो सके. निगम के गठन को लेकर छत्तीसगढ़ ,उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और बिहार के परिवहन सचिव को पत्र लिखकर जानकारी मांगी गई थी .इसके अलावा परिवहन विभाग की टीमें आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, महाराष्ट्र ,पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु का दौरा कर वहां चल रहे पथ निर्माण विभाग की व्यवस्था को देखा और समझा है. पथ परिवहन विभाग नहीं होने से रोड कनेक्टिविटी में झारखंड में भारी परेशानी आती है. धनबाद में पथ परिवहन निगम का पड़ाव और कार्यालय बरटांड में था. उस समय खूब बसें चला करती थी. कुछ बसें तो ऐसी थी जो निजी क्षेत्र से भी अव्वल दर्जे की थी. लेकिन झारखंड के अस्तित्व में आने के बाद यह सब खत्म हो गया. सवाल उठता है कि झारखंड बनने के बाद 22 साल गुजर गए, कई मुख्यमंत्री आए और चले गए ,कई सरकारें बनी लेकिन इस महत्वपूर्ण विभाग के बारे में किसी को ध्यान नहीं आया. अब जाकर सुगबुगाहट है तो देखना है कि झारखंड को अपना पथ परिवहन निगम मिलता है अथवा अभी भी कागज के जंजाल में उलझ कर रह जाता है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
4+