धनबाद(DHANBAD): झारखंड के विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद भाजपा नए सिरे से खड़ा होने की कोशिश कर रही है. फरवरी में संगठन में बदलाव की भी बात कही गई है. संगठन में बदलाव के पहले बीजेपी झारखंड में सदस्यता पर्व मना रही है. झारखंड के सभी बड़े छोटे नेता इस पर्व में शामिल हैं और कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने की कोशिश कर रहे हैं.रविवार को पूरे झारखंड में इस महापर्व की शुरुआत हुई है.
राज्य के 5628 केंद्र व पंचायत स्तर पर सदस्यता अभियान की शुरुआत
बताया गया है कि राज्य के 5628 केंद्र व पंचायत स्तर पर शिविर लगाकर सदस्यता अभियान की शुरुआत की गई है. यह अलग बात है कि विधानसभा चुनाव में इंडिया ब्लॉक को मिले प्रचंड बहुमत के बाद भाजपा को 5 साल तक विपक्ष की भूमिका निभानी होगी. जिस प्रकार चुनाव के पहले रूसने और मनाने का काम हुआ. उसको देखते हुए भाजपा ऊपर से लेकर निचले स्तर तक के कार्यकर्ताओं को फिर एक बार पार्टी के साथ जोड़ने के काम में लग गई है. इसके पहले प्रदेश स्तर के नेताओं ने जिला स्तर के नेताओं को साफ संदेश दे दिया था कि नेता और कार्यकर्ताओं में मनमुटाव नहीं रहना चाहिए. चुनाव जीतने वाले, चुनाव हारने वाले अथवा जिन्हें टिकट नहीं मिला. वह सब मिल जाएं और कहीं भी किसी कोने से कोई गलत बयान बाजी नहीं हो. धनबाद में तो इसके उदाहरण दिखे भी .धनबाद के सांसद ढुल्लू महतो और पूर्व सांसद पशुपति नाथ सिंह के बीच लोकसभा चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव तक मनमुटाव रहा. इशारों, इशारों में यह बात सामने आती भी रही. लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद सांसद कार्यालय का उद्घाटन पशुपतिनाथ सिंह के हाथों हुआ. उसके बाद सांसद ढुल्लू महतो और पूर्व सांसद पशुपतिनाथ सिंह एक ही साथ दिल्ली गए. दोनों की तस्वीर को सोशल मीडिया पर खूब वायरल कराया गया.
संगठन पर्व के कारण ही बीजेपी जन जन की पार्टी बनी : ढुल्लू महतो
धनबाद में भी रविवार को संगठन पर्व की शुरुआत हुई. शुरुआत सांसद ढुल्लू महतो ने किया. उन्होंने कहा कि संगठन पर्व के कारण ही बीजेपी जन जन की पार्टी बनी है. 18 करोड़ सदस्यों के साथ भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है.भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने गिरिडीह में सदस्यता अभियान की शुरुआत के बाद कहा कि मजबूत भाजपा से ही आत्मनिर्भर भारत, स्वाभिमानी भारत और विकसित भारत का सपना साकार होगा. प्रदेश संगठन मंत्री कर्मवीर सिंह ने रांची में संगठन पर्व की शुरुआत की.
कोयलांचल को लेकर प्रदेश नेतृत्व गंभीर
यह बात सच है कि विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद भाजपा के कार्यकर्ता हतोत्साहित हुए हैं. किसी को उम्मीद नहीं थी कि भाजपा 2019 से भी खराब परफॉर्मेंस करेगी. लेकिन ऐसा हुआ. भाजपा 21 सीटों पर सिमट गई, जबकि उसके सहयोगी दल आजसू को एक, लोजपा को एक और जदयू को एक सीट मिली. दूसरी ओर इंडिया ब्लॉक में झारखंड मुक्ति मोर्चा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरा. झामुमो को 33 सीट मिली. कांग्रेस को 16, राजद को चार, माले को दो सीट मिली है. कोयलांचल में भाजपा के गढ़ में लाल झंडा ने बड़ी सेंधमारी की है. इसलिए कोयलांचल को लेकर प्रदेश नेतृत्व भी गंभीर है. देखना होगा आगे आगे होता है क्या.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
4+