धनबाद (DHANBAD) : यह बात तो लगभग तय है कि झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली करारी हार के बाद बीजेपी झारखंड में नेतृत्व को लेकर दुविधा में है. नेता प्रतिपक्ष का चुनाव भी नहीं हो रहा है. फ़रवरी में संगठन में बदलाव की भी चर्चा है. इस बीच एक नाटकीय घटनाक्रम में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास ने इस्तीफा दे दिया. उनका इस्तीफा स्वीकृत भी हो गया और ओडिशा के नए राज्यपाल की नियुक्ति भी हो गई. सवाल उठता है कि रघुवर दास फिर भाजपा में लौट रहे है तो बिना किसी योजना की, तो उन्होंने इस्तीफा दिया नहीं होगा. बिना किसी भरोसे का यह कदम तो उठाया नहीं होगा. हालांकि उनके इस्तीफा की चर्चा एक सप्ताह से चल रही थी.
पहले से ही सक्रिय राजनीति में लौटने की हो रही थी चर्चा
वैसे, तो चुनाव के पहले भी चर्चा थी कि वह भाजपा की सक्रिय राजनीति में लौटेंगे और जमशेदपुर पूर्वी से भाजपा के उम्मीदवार होंगे. इसमें रघुवर दास को सफलता नहीं मिली, लेकिन अपनी बहू को भाजपा से टिकट दिलाने में सफल रहे. उनकी बहू चुनाव जीत गई है. भाजपा के ही शीर्ष सूत्रों की माने तो रघुवर दास, बाबूलाल मरांडी को रिप्लेस कर झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बनेगे. तो बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष बनाया जाएगा. इसके पीछे की सोच है कि ओबीसी का चेहरा रघुवर दास रहेंगे तो आदिवासी चेहरा बाबूलाल मरांडी होंगे.
ओबीसी और आदिवासी को एक साथ साधने की कोशिश
एक साथ भाजपा ओबीसी और बाबूलाल मरांडी के रूप में आदिवासी को साध सकती है. यह बात भी सच है कि भाजपा को ओबीसी के एक ऐसे नेता की तलाश है. जो पार्टी में नई जान फूंक सके. रघुवर दास के अचानक इस्तीफा से इस बात को बल मिला है कि भाजपा को ओबीसी चेहरा मिल गया. इस बीच सूत्र यह भी बताते हैं कि रघुवर दास के कई करीबी सोशल मीडिया पर पोस्ट डाला है कि रघुवर दास की झारखंड राजनीति में वापसी हो रही है. इससे भी इस बात को बल मिलता है कि वह झारखंड प्रदेश अध्यक्ष बनाए जा सकते है. फिलहाल बाबूलाल मरांडी प्रदेश अध्यक्ष हैं, लेकिन संभावना है कि उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाया जा सकता है.
रघुवर दास झारखंड में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके है
वैसे, रघुवर दास झारखंड में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके है. 2019 में जब रघुवर दास झारखंड के मुख्यमंत्री थे, तो बीजेपी को 25 सीट जीत पाई थी. 2024 में बीजेपी को 21 सीट से ही संतोष करना पड़ा है. वैसे तो 2019 में मुख्यमंत्री रहते हुए रघुवर दास चुनाव हार गए थे. उन्हें निर्दलीय उम्मीदवार सरयू राय ने 15000 से अधिक वोटो से हरा दिया था. वैसे, रघुवर दास झारखंड में 5 साल तक सरकार चलाने वाले पहले मुख्यमंत्री है. टाटा स्टील में नौकरी से अपने जीवन की शुरुआत करने वाले रघुवर दास लगातार सफलता की सीढ़ी चढ़ते रहे. लेकिन अचानक उन्हें भाजपा की सक्रिय राजनीति से दूर कर ओडिशा का राज्यपाल बना दिया गया. लेकिन अब फिर वह भाजपा की सक्रिय राजनीति में लौट सकते हैं.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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