धनबाद(DHANBAD) : झारखंड में विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रदेश भाजपा पेंडिंग कामों को निपटा रही है. साथ ही साथ विधानसभा चुनाव के लिए दावेदारों की सूची और एक्सेप्टेंस का आंकड़ा भी जुटाया जा रहा है. झारखंड बीजेपी इस बार विधानसभा चुनाव को लेकर बहुत ही सीरियस है. फिर से सत्ता में आने के लिए कोशिशें तेज है. चर्चा तो यह है कि इस बार कुछ नए ढंग से भाजपा चुनाव लड़ सकती है. पार्टी से नाराज चल रहे पूर्व सांसद, पूर्व मुख्यमंत्री रहे लोगों को भी चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है. इससे पार्टी के मुख्य धारा से जो लोग अलग होते जा रहे हैं, उनका पार्टी को सपोर्ट मिलेगा. कारण तो यह भी गिनाये जा रहे हैं कि चुनाव से पहले ही शिवराज सिंह चौहान और असम के मुख्यमंत्री को चुनाव प्रभारी और सह प्रभारी भाजपा इसलिए बना दी, कि उन्हें काम करने का मौका मिलेगा. जो लोग कद्दावर हैं लेकिन राजनीति के शिकार हो गए हैं, उन्हें मुख्य धारा से जोड़ने की भी योजना है. ऐसा प्रयास संथाल और कोल्हान में भी चल रहा है. साथ ही कोयलांचल और अगल-बगल के जिलों में भी चल रहा है. यह अलग बात है कि चुनाव के पहले दावेदारी करने वालों की संख्या अधिक होती है और यह तब तक चलती रहती है, जब तक टिकट का बंटवारा नहीं हो जाता. इस बार के विधानसभा चुनाव में जयराम महतो की पार्टी भी समीकरण बनाने और बिगाड़ने को उतरेगी. इसलिए सभी दाल सचेत और चौकन्ना है.
निरसा विधानसभा सीट भी रहेगी चर्चा में
धनबाद की बात की जाए तो निरसा विधानसभा क्षेत्र इस बार चर्चा में रहेगा. उसके कई कारण बताये जा रहे है. कारण तो यह भी बताये जा रहे हैं कि निरसा से इस बार भाजपा के गणेश मिश्रा अपनी दावेदारी मजबूती से पेश कर रहे है. 2014 के चुनाव में वह मात्र 1000 वोट से हार गए थे, लेकिन 2019 में भाजपा ने फॉरवर्ड ब्लॉक से आई अपर्णा सेन गुप्ता को टिकट दे दिया और अपर्णा सेनगुप्ता फिलहाल भाजपा की विधायक है. निरसा सीट इसलिए भी चर्चा में रहेगी कि एके राय की पार्टी का भाकपा (माले) में विलय होना लगभग तय है. भाकपा (माले ) झारखंड में गठबंधन में शामिल है. ऐसे में निरसा से अच्छी माथापच्ची होने की उम्मीद है. एके राय की पार्टी से पूर्व विधायक अरूप चटर्जी चुनाव लड़ते रहे हैं और झारखंड मुक्ति मोर्चा से अशोक मंडल चुनाव लड़ते रहे है. गठबंधन में शामिल होने से या तो भाकपा (माले ) का उम्मीदवार होगा अथवा झारखंड मुक्ति मोर्चा का. ऐसे में अरूप चटर्जी और अशोक मंडल में टकराव टिकट के लिए हो सकती है. किसे टिकट मिलेगा यह तो भविष्य के गर्भ में है. भाजपा के लिए सिंदरी सीट पर भी उम्मीदवार का चयन करना कम टेढ़ी खीर नहीं होगी. सिंदरी से भाजपा के विधायक इंद्रजीत महतो लंबे समय से बीमार चल रहे है.
धनबाद की सिंदरी सीट पर भी होगी माथापच्ची
भाजपा 2024 के विधानसभा चुनाव में सिंदरी विधानसभा से इंद्रजीत महतो की पत्नी को चुनाव में उतारेगी या किसी नए उम्मीदवार की खोज करेगी, यह अभी भविष्य के गर्भ में है. वैसे धनबाद के सभी विधानसभा सीटों पर दावेदारों की संख्या कम नहीं है. शनिवार को धनबाद शहर के लगभग दर्जन भर जगहों पर एक होर्डिंग लगी है. यह होर्डिंग धनबाद के अशर्फी अस्पताल के सीईओ हरेंद्र सिंह ने लगवाया है. होर्डिंग में तो साफ-साफ कुछ नहीं लिखा हुआ है, लेकिन होर्डिंग की बातें चुनाव में दावेदारी की ओर इशारा कर रही है. वैसे सभी विधानसभा क्षेत्र में दावेदारों की संख्या अधिक है. बाघमारा विधानसभा क्षेत्र के विधायक अब धनबाद के सांसद चुन लिए गए है. बाघमारा सीट भी इस बार "हॉटकेक" बन सकती है. बाघमारा सीट पर सांसद ढुल्लू महतो के किसी समर्थक को टिकट मिलता है या यहां आजसू दावा करती है, या फिर जदयू इस सीट पर कोशिश करेगी, अंतिम निर्णय तक लोगों को प्रतीक्षा करनी पड़ेगी.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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