Jharkhand Assembly Election: अब संथाल- कोयलांचल की 34 सीटें तय करेंगी सीएम की कुर्सी!


धनबाद(DHANBAD): आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह धनबाद में है. झरिया की धरती से वह खूब गरजे. झरिया -धनबाद के लोगों से सवाल भी किया तो जवाब भी दिए. हेमंत सोरेन को भी निशाने पर लिया तो कांग्रेस को भी नहीं छोड़ा. वैसे, प्रथम चरण का शोर सोमवार की शाम को थम गया है. उसके बाद अब राजनीतिक दलों का जोर दूसरे चरण के संथाल- कोयलांचल पर है. जहां 20 नवंबर को मतदान होना है. राजनीतिक दल के बड़े -छोटे नेता संथाल- कोयलांचल की ओर चले भी गए है. मंगलवार यानी आज तो कोयलांचल में सभी दलों के बड़े नेताओं का जमघट है. एनडीए और महागठबंधन दोनों ने दूसरे चरण की 38 सीटों पर जोर की तैयारी शुरू कर दी है. दूसरे चरण की 38 सीटों पर चुनाव होना है.
दूसरे चरण की 34 सीट संथाल- कोयलांचल में
इनमे 34 सीट संथाल- कोयलांचल में है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, जैसे बड़े उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला भी दूसरा चरण ही करेगा. संथाल की बरहेट सीट से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चुनाव लड़ रहे हैं, तो गिरिडीह के धनवार से पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी चुनावी मैदान में है. कल्पना सोरेन, विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो से लेकर कई मंत्रियों का राजनीतिक भविष्य दूसरा चरण ही तय करेगा. कई पूर्व मंत्रियों की भी प्रतिष्ठा भी दांव पर है. 13 नवंबर को प्रधानमंत्री संथाल परगना जाएंगे, इसके अलावा और कई लोग दौरा करेंगे. दूसरे चरण के लिए पूरा जोर लगाया जा रहा है. यह बात तो सच है कि संथाल पर कब्जे को लेकर भाजपा और झारखंड मुक्ति मोर्चा में लड़ाई पहले भी थी और आज भी है.
संथाल परगना को साधने को भाजपा बहुत प्रयास कर रही
संथाल परगना को साधने के लिए भाजपा ने बहुत प्रयास किया, लेकिन बहुत हद तक उसे सफलता नहीं मिली है. 2024 के चुनाव में तो संथाल परगना में भी पाला बदलने का खेल हुआ है. लोबिन हेंब्रम भाजपा में चले गए हैं तो डॉक्टर लुइस मरांडी झामुमो में चली गई है. वैसे, तो भाजपा आदिवासी नेताओं को संथाल परगना में लगाकर माहौल बनाने की कोशिश की है, तो झामुमो भी इसमें पीछे नहीं है. संथाल परगना में झारखंड मुक्ति मोर्चा की नींव कोई एक दिन में मजबूत नहीं हुई है. इसके लिए कड़ा प्रयास करना पड़ा है. भाजपा इस मजबूत गढ़ को भेदने की लगातार कोशिश कर रही है. नाराज लोगों को लगभग मना लिया गया है. अब देखना दिलचस्प होगा कि संथाल परगना किस- किस को अपना आशीर्वाद देता है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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