धनबाद(DHANBAD): झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशियों की सूची जारी करने का काम अब अंतिम चरण में है. कांग्रेस ने भी पहली सूची जारी कर दी है. आजसू और भाजपा ने भी पहली सूची जारी कर दी है. यह अलग बात है कि लगभग तमाम दलों में सूची जारी होने के बाद गदर मचा हुआ है. कांग्रेस की सूची तो सोमवार की रात को जारी हुई है. सूची में कोई बहुत बड़ा बदलाव नहीं दिख रहा है. लेकिन भाजपा में विरोध के स्वर कुछ ज्यादा तेज है. पार्टी छोड़कर लोग झामुमो में शामिल हो रहे है. पूर्व मंत्री लुईस मरांडी का झामुमो में शामिल होना भाजपा के लिए बड़ा झटका कहा जा रहा है. सूत्रों के अनुसार अब पार्टी में रूठे लोगों को मनाने का जिम्मा संगठन को दिया गया है.
इसके लिए राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रांची पहुंच सकते है. संगठन मंत्री कर्मवीर तो झारखंड में जमे हुए ही है. सूत्रों के अनुसार संगठन के कंधे पर अब भाजपा ने भरी बोझ डाल दिया है. बातचीत करने का जिम्मा दिया गया है. वैसे, सोमवार को धनबाद में बाबूलाल मरांडी ने स्पष्ट कहा कि आपसी विवाद को छोड़कर घोषित प्रत्याशियों को चुनाव जिताने में लग जाए. यह अलग बात है कि रूठना और मनाने का दौर पहले भी चलता था ,अब भी चल रहा है. जमशेदपुर पूर्वी सीट भी इससे अछूता नहीं है. पोटका में टिकट नहीं मिलने से नाराज चल रही मेनका सरदार ने इस्तीफा वापस ले लिया है. मतलब वह मान गई है और भाजपा में बनी रहेंगी. लेकिन लुईस मरांडी सहित अन्य ने भाजपा का साथ छोड़ दिया है.
झामुमो में शामिल होने वालो की सूची लम्बी है. झामुमो अब उन्हें कहां से चुनाव लड़ायेगा ,इसके लिए उसे नए ढंग से विचार करना होगा. वैसे, झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अभी प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं की है. लेकिन सूत्रों के अनुसार अंदर खाने सब कुछ तय हो गया है. इधर, झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भाजपा के घोषित प्रत्याशियों की सूची पर हमला बोला है. कहा है कि 66 में से 35 प्रत्याशी ऐसे हैं, जो दूसरे दलों से आए है. कहा गया है कि भाजपा के कार्यकर्ता आजीवन झोला और झंडा ढोते रहे और दल बदल कर आने वालों को पार्टी ने टिकट दे दिया गया. झामुमो ने एक सूची भी जारी की है. जिसमें दल -बदल कर भाजपा में शामिल हुए और प्रत्याशी बनाए गए नेताओं के नाम और उनकी पूर्व की पार्टी का उल्लेख किया गया है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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