धनबाद(DHANBAD): राष्ट्रीय दल के नेता तो दो सीटों से चुनाव लड़ते रहे है. लेकिन धनबाद में एक ऐसे निर्दल उम्मीदवार हैं, जो दो विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे है. दो जगह से चुनाव लड़ने के उनके अपने कारण है. उनका अपना दावा है. लेकिन शायद झारखंड का यह पहला मौका होगा, जब निर्दलीय उम्मीदवार दो विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ रहे होंगे. वैसे, तो हर चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार बड़ी संख्या में किस्मत आजमाते है. धनबाद जिले की सीटों पर भी कई निर्दलीय प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे है. लेकिन एक निर्दलीय प्रत्याशी एक साथ दो विधानसभा क्षेत्र से किस्मत आजमा रहे है. इस प्रत्याशी का नाम है विशाल वाल्मीकि, वह कतरास के रहने वाले है.
उन्होंने धनबाद और बाघमारा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवारी की है. पहली बार वह चुनाव लड़ रहे है. संयोग देखिए कि उन्हें दोनों विधानसभा क्षेत्र से एक ही चुनाव चिन्ह ऑटो रिक्शा मिला है. इसी चिन्ह के साथ वह दोनों क्षेत्रों में जाकर अपने पक्ष में मतदान करने की अपील कर रहे है. उनका कहना है कि नामांकन के समय चुनाव चिन्ह के तीन विकल्प मांगे गए थे. उन्होंने दोनों क्षेत्रों में नामांकन फार्म पर गैस सिलेंडर, ऑटो रिक्शा और बल्ला में से किसी चिन्ह की मांग की थी. लेकिन यह संयोग है कि उन्हें दोनों जगह पर एक ही सिंबल ऑटो रिक्शा मिला है. वैसे विशाल फोर्स संगठन समिति के वह केंद्रीय अध्यक्ष हैं और झारखंड में 7 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे है.
धनबाद और बाघमारा से वह खुद लड़ रहे है. जबकि झरिया, सिंदरी, खूंटी, नाला और बेरमो से संगठन के सदस्य चुनाव लड़ रहे है. उनका कहना है कि वह खुद बेरोजगार है. जनता अगर उन्हें आशीर्वाद दिया तो सबसे पहले बेरोजगारों को रोजगार दिलाने का प्रयास करेंगे. धनबाद और बाघमारा की दर्जनों आउटसोर्सिंग कंपनियों में स्थानीय युवकों को रोजगार दिलाने का कोशिश करेंगे. सदन में बेरोजगारी की आवाज बनेगे. इन्हीं सब कारणों से उन्होंने चुनाव लड़ने का फैसला किया है. इधर, चुनाव में पार्टी बदलने का सिलसिला अभी भी जारी है. निरसा ,टुंडी में आया राम- गया राम का सिलसिला चल रहा है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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