रांची (RANCHI) : देश के कई जगहों पर भारी बारिश की वजह से बाढ़ जैसी समस्या हो गई है. वही झारखंड राज्य में भी इसका असर देखने को मिल रहा है. बारिश में पानी के जमाव से बीमारियों का कहर बढ़ गया है. बारिश में मच्छर से जुड़ी बीमारियाँ बढ़ जाती है, ऐसे में मच्छर जनित बुखार फैलना शुरू हो गया है. राज्य में स्थिति ऐसी हो गयी है कि 15 जिले डेंगू और 10 जिले चिकनगुनिया की चपेट में हैं. लोग इसके चंगुल में आते नजर आ रहे हैं. खासकर बच्चों पर इनका साफ असर देखा जा रहा है. सबसे बड़ी बात ये है कि अब राजधानी रांची में डेंगू और चिकनगुनिया के साथ जापानी बुखार का प्रभाव भी देखने को मिल रहा है. इस नए जापानी बुखार में अब तक एक मरीज की मौत भी हो गई है वहीं दो इससे संक्रमित हो गए है. जापानी बुखार से जिस मरीज की मौत हुई है वो एक महिला बताई जा रही है जिसकी उम्र 71 साल है.
चिकगुनियां और डेंगू दोनों की चपेट में रांची
राजधानी रांची में जिस मरीज की मौत हुई है उसके बारे में बताया जा रहा है कि उसके सैंपल कलेक्शन मिलने के दूसरे दिन ही उसकी मौत हो गयी. वहीं दूसरी पेशेंट एक बच्ची बताई जा रही है. जिसे फिलहाल रिम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया है.
इन जिलों में डेंगू का असर
इस जापानी बीमारी का नाम सामने आते हैं अब लोगों में थोड़ा डर का माहौल पैदा होता नजर आ रहा है. हालांकि अब तक इसके दो ही मरीज पाए गए हैं ऐसे में अब भी इससे बचा जा सकता है. वहीं बता दें कि रांची सहित जमशेदपुर , रांची , पूर्वी सिंहभूम , पलामू , चतरा , सरायकेला , दुमका , गिरिडीह , हजारीबाग , जामताड़ा , खूंटी , रामगढ़ , सिमडेगा , देवघर , बोकारो , कोडरमा में डेंगू का असर देखने को मिला है. स्पेल की बीमारी को देखते हुए अब यह जरूरी है कि लोग अपनी साफ सफाई पर खास ध्यान दें ताकि उनके आसपास डेंगू और मलेरिया के मच्छर ना आए और वो संक्रमित होने से बच पाए .
यहां मिला चिकनगुनिया का प्रभाव
इसके अलावा रांची , पूर्वी सिंहभूम , कोडरमा , रामगढ़ , देवघर , चतरा , सरायकेला , गोड्डा , धनबाद में चिकनगुनिया का प्रभाव देखने को मिला है.
डेंगू और चिकनगुनियां के राज्य में आंकड़े
इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अब तक राज्य में डेंगू के 61 मरीज मिल चुके हैं. जून तक राज्य के 10 जिलों में चिकनगुनिया के 16 मरीज मिले हैं. वहीं डेंगू के मामले में जमशेदपुर सबसे ऊपर है. जिनमें सर्वाधिक 18 मरीज पूर्वी सिंहभूम में ही मिले हैं. वहीं रांची में अब तक 14 मरीज पाए गए हैं.
क्या है जापानी बुखार
ये जापानी बुखार यानि जापानी इंसेफेलाइटिस एक ऐसी बीमारी है, जो मच्छरों के काटने से फैलता है. ये मच्छर फ्लेविवायरस संक्रमित होते हैं. यह संक्रामक बुखार नहीं है. यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है. विशेषज्ञों की मानें तो जापान इंसेफेलाइटिस पूर्वांचल भारत में अधिक होता है. इस बुखार का पता मच्छर के काटने के 5 से 15 दिनों में दिखाई देता है.
रिपोर्ट: समीर हुसैन
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