जमशेदपुर(JAMSHEDPUR): जुलाई महीना लगभग अब समाप्ति की कगार पर है. देश के अलग-अलग राज्यों में मूसलाधार बारिश हो रही है, जिसकी वजह से कई जगहों पर बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है, झारखंड में नहीं बारिश होने की वजह से लौहनगरी जमशेदपुर में अब भी लोग पानी की किल्लत से परेशान है. बारिश की बेरुखी की वजह से स्वर्णरेखा और कई नदियां सुखी हुई है. जिसकी वजह से आस पास के क्षेत्रों में रहनेवाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिसकी वजह से लोग अब गंदा पानी पीने को मजबूर है.
पिछले साल के मुकाबले 50 प्रतिशत बारिश भी नहीं हुई है
इस साल झारखंड में मानसून ने ऐसी बेरुखी दिखाई की जुलाई महीने के आने तक भी पीछले साल के मुकाबले 50 प्रतिशत बारिश भी नहीं हुई है. जिसकी वजह से लौहनगरी की लाइफलाइन स्वर्णरेखा और खरकाई नदियां सुख चुकी है, जिससे शहर में जल संकट की समस्या पैदा हो गयी है. पिछले वर्ष की बात करें तो इन दिनों दोनों ही नदियां उफान पर थी. जिला प्रशासन और समाज सेवी लोग बाढ़ पीड़ितों की मदद कर रहे थे, लेकिन आज हालत यह है कि नदियां सूख गई है.
गंदा पानी पीने से लोगों को बीमारी होने का डर सता रहा है
वहीं जानकार लोग की मानें तो पेड़ पौधे कटने की वजह से यह हालात पैदा हुई है कि आज शहर के लोगों को कुदरत की मार झेलनी पड़ रही है. वहीं नदी तट पर रहनेवालों की माने तो नदी में शहर के नाले के पानी जाने से नदी में जो पानी है वह भी गंदा हो गया है. शहर में दो जगहों पर जलापूर्ति योजना का पानी सप्लाई होता है. नदी गंदा होने से सप्लाई पानी गंदा सप्लाई हो रहा है. जिसके इस्तेमाल से लोगों को बीमारियों का डर भी सता रहा है.
पढ़ें मामले पर डीसी ने क्या कहा
वहीं इस समस्या को लेकर जिला के उपायुक्त भी इस मामले में सक्रिय नजर आ रहें है, उन्होंने कहा कि बारिश नहीं होने की वजह से नदियों में पानी की समस्या है, लेकिन ओड़िसा सरकार से बात कर व्यांगबील डैम से पानी छोड़ने का आग्रह किया जाएगा, ताकि जल संकट को कम किया जा सके, उन्होंने कहा की वाटर हार्वेस्टिंग अधिक से अधिक करने की जरूरत आ गई है.
रिपोर्ट-रंजीत ओझा
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