रांची (RANCHI): झारखंड में खातियान आंदोलन से उभरी JBKSS राजनीतिक दल अब विधानसभा चुनाव की तैयारी में लग गई है. लोकसभा चुनाव में आठ लाख से अधिक वोट प्राप्त कर जयराम और अन्य नेता उत्साहित है. इस उत्साह को ताकत में तब्दील कर विधानसभा वार सम्मेलन आयोजन किया जा रहा है. इस दौरान जयराम महतो देवड़ी मंदिर पहुंच कर पूजा अर्चना भी किया. जयराम के साथ देवेन्द्र और अन्य साथी मौजूद थे. मंदिर में पूजा के दौरान पंडित ने जयराम को विधानसभा चुनाव में बहुमत लाने की भविष्यवाणी की है.
अकेले दम पर भी ला सकते है बहुमत
दरअसल जयराम महतो बूंडु के ताऊ मैदान में बदलवा संकल्प सभा में भाग लेने पहुचे थे. इस दौरान सभा में जाने से पहले सभी ने दिवड़ी मंदिर पहुंच कर पूजा-अर्चना भी किया. विधि विधान के साथ मां की आराधाना के बाद पंडित ने जय महतो को लेकर एक बड़ा दावा कर दिया. पंडित ने साफ कहा कि पहली बार लोकसभा चुनाव में एक नई ताकत मिली है. अब झारखंड में विधानसभा का चुनाव भी है. ऐसे में जयराम महतो बेहतर करने वाले है, बहुमत अकेले दम पर भी ला सकते है.
संविधान की बात करने वालों ने कभी संविधान पढ़ा नहीं
इस दौरान जब जयराम महतो तमाड़ विधानसभा क्षेत्र में जब संकल्प सभा को संबोधित कर रहे थे, तब उन्होंने कहा कि अब बदलाव का समय है. आखिर झारखंड कहां खड़ा है, यहां बदहाली है. जबकि इसके साथ छत्तीसगढ़ और अन्य राज्य कितना आगे है. यह देखना बेहद जरूरी है. बदलाव का संकल्प लेकर आगे बढ़ना है. एक दिन जरूर कामयाबी मिलेगी. उन्होंने कहा कि देश में कई ऐसे राज्य है जिसमें धारा 371 के तहत कोई भी बाहर का व्यक्ति जमीन की खरीददारी नहीं कर सकता है. संविधान की बात करने वाले लोगों ने कभी संविधान को पढ़ा नहीं है.
कुर्सी पर झारखंडी को बैठना होगा
अगर देखे तो हर जगह झारखण्डियों को गुमराह किया जाता है. इसका कारण है कि कहीं भी झारखंडी पद पर नहीं बैठा है. 1932 की बात जब कोई करता है तो अधिकारी इसे घुमाते है. सदन से पास होने के बाद भी कानून का रूप नहीं ले पाता है. यह बदलाव के लिए हर जगह पर अपने लोगों का होना जरूरी है. आज किसी भी कार्यालय में झारखंडी नहीं मिलता है. यही कारण है कि हमलोगों को गुमराह किया जाता है. अब समय आ गया की सभी जगह झारखंडी मेहनत कर आगे बढ़े. जब कुर्सी पर झारखंड का लाल बैठेगा तो बदलाव खुद ब खुद हो जाएगा.
जयराम ने कहा कि विधानसभा चुनाव भी नजदीक है. सभी सीट पर संगठन को मजबूत किया जा रहा है. यह बदलाव संकल्प सभा एक नए झारखंड की शुरुआत है. परिणाम जब आएगा तो सभी लोग देखेंगे. जनता अब लोक लुभावने वादों से तंग आ चुकी है. लोकसभा चुनाव में ऐसे लोगों को सबक सिखाने का काम किया है. अब विधानसभा चुनाव में अपनी ताकत नए रूप में दिखाने का काम करेगी. लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में माहौल अलग-अलग होता है. सभी केन्द्रीय राजनीतिक दल के सामने भी आठ लाख से अधिक वोट बताता है कि जनता में गुस्सा कितना है.
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