धनबाद(DHANBAD) | धनबाद में काम कर रहे साइबर अपराधी केवल ठगी ही नहीं, बल्कि चोरी भी कर रहे है. फिर चोरी की मोबाइल से ठगी कर रहे है. रांची के किसी बड़े अधिकारी के साथ धनबाद में साइबर अपराधियों ने कुछ ऐसा ही किया है. अधिकारी का नाम तो पता नहीं चला है लेकिन बताया जाता है कि वह झारखंड के कोई बड़े प्रशासनिक अधिकारी है. धनबाद रेलवे स्टेशन से उनकी मोबाइल चोरी कर 3.25 लाख रुपए उड़ा लिए गए है. यह घटना 2 मई की बताई जा रही है. मोबाइल लोकेशन के आधार पर रांची साइबर पुलिस ने धनबाद के चिरकुंडा से एक गिरफ्तारी की है. गिरफ्तार व्यक्ति का नाम लायकडीह निवासी संतोष कुमार मंडल बताया गया है.
शनिवार को की गई है गिरफ्तारी
यह गिरफ्तारी शनिवार को की गई है. साइबर पुलिस उसे हिरासत में लेकर अपने साथ रांची ले गई है. जानकारी के अनुसार अपराध अनुसंधान विभाग ने जांच पड़ताल के बाद रांची साइबर थाना में कांड दर्ज कराया था. उसके बाद रांची साइबर पुलिस धनबाद पहुंची और मोबाइल लोकेशन के आधार पर चिरकुंडा तक गई. रांची साइबर पुलिस ने गिरफ्तार युवक के पास से चुराया गया मोबाइल, कई बैंक खाता का विवरण बरामद किया है. सूत्र यह भी बताते हैं कि 2 मई को अधिकारी के बैग में दो मोबाइल सहित अन्य सामान थे. साइबर अपराधियों ने चुराए गए मोबाइल का पासवर्ड खोलकर देवघर से राशि की निकासी की है. अन्य खातों में ट्रांसफर भी पैसा किया गया है. मामला चुकी हाई प्रोफाइल है, इसलिए साइबर पुलिस भी सक्रिय हो गई और उसे धर दबोचा. हो सकता है कि उसकी निशानदेही पर और गिरफ्तारियां हो.
पूरे देश में फ़ैल गए हैं जामताड़ा के साइबर अपराधी
यह बात तो सच है कि धनबाद से सटे जामताड़ा की पाठशाला से निकले साइबर अपराधी पूरे देश में फैल गए हैं और झारखंड का देवघर साइबर अपराधियों का बड़ा ठिकाना बन गया है. तुम डाल डाल तो हम पात पात, धनबाद से सटे जिलों में साइबर अपराधी और पुलिस के बीच यही खेल लंबे समय से चल रहा है. उग्रवाद प्रभावित धनबाद जिले के टुंडी प्रखंड में एकाएक साइबर अपराधियों की बाढ़ आ गई है. चिरकुंडा भी तेजी से इस ठगी में बदनाम हो रहा है. देखते देखते उनकी हैसियत काफी बढ़ गई है. इधर, धनबाद से सटे जामताड़ा जिला तो साइबर अपराध का जन्मदाता ही है, अब यह काम संथाल के कुछ अन्य जिलों में भी तेजी से पांव पसार रहा है. पुलिस हर दिन किसी न किसी अपराधी को गिरफ्तार करती है.जामताड़ा में दर्जनों घर ऐसे हैं ,जहां रिमोट से दरवाजे खुलते है. कुछ घरों में लिफ्ट लगाए जाने की सूचना है. 10- 5 वर्ष बाद जामताड़ा आए लोग इन आलीशान घरों को देखकर यह समझ नहीं पाते हैं कि आखिर इतनी जल्दी लोगों के पास पैसे कहां से आये.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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