धनबाद(DHANBAD): इंटक का जेबीसीसीआई से बनवास खत्म हो गया है. वह अब शामिल कर ली गई है. कोल इंडिया के निदेशक कार्मिक सह जेबीसीसीआई के मेंबर सेक्रेटरी ने गुरुवार को इस संबंध में पत्र जारी कर दिया है. विधायक अनूप सिंह की ओर से दी गई सूची को ही शामिल किया गया है. सुप्रीम कोर्ट में पूर्व सांसद चंद्रशेखर उर्फ ददई दुबे गुट की याचिका खारिज होने के बाद ही कोल इंडिया ने कोलकाता उच्च न्यायालय के फैसले के आलोक में इंटक को जेबीसीसीआई में शामिल करने की चिट्ठी जारी कर दी है.
विधायक अनूप सिंह के लिए बड़ी उपलब्धि
अनूप सिंह सीसीएल के कोटे से सदस्य बने हैं. बीसीसीएल से एके झा को वैकल्पिक सदस्य के रूप में जेबीसीसीआई में शामिल किया गया है. इंटक को जेबीसीसीआई में शामिल किया जाना विधायक अनूप सिंह के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. कोलकाता उच्च न्यायालय में अनूप सिंह खेमा ही याचिका दायर किया था. पिछले 7 से 8 सालों से इंटक जेबीसीसीआई समेत कोल इंडिया की अन्य द्विपक्षीय कमेटियों से बाहर थी और वनवास झेल रही थी.
अगले महीने हो सकती है जेबीसीसीआई की बैठक
कोल इंडिया से जारी पत्र में कहा गया है कि जेबीसीसीआई की आगामी बैठक में इंटक के सदस्यों को बुलाया जाएगा. संभवत अगले महीने बैठक हो सकती है. आपको बता दे कि रेड्डी खेमे से ही विधायक अनूप सिंह के साथ-साथ फेडरेशन पर दावेदारी करते हुए ललन चौबे ने भी कोल इंडिया को सूची भेजी थी ,जिसमें इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी संजीवा रेड्डी का नाम भी जेबीसीसीआई सदस्य के लिए दिया गया था. सूत्रों के अनुसार विवाद को देखते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी अनूप सिंह की सूची को ही जेबीसीसीआई में शामिल करने के लिए कोल इंडिया को पत्र लिखा था. इधर, ललन चौबे ने कहा है कि इंडियन नेशनल माइन वर्कर्स फेडरेशन एवं राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ की ओर से विधायक अनूप सिंह एवं एस क्यू जामा पर कोलकाता उच्च न्यायालय को गलत जानकारी देने का मुकदमा दर्ज कराया जाएगा. दोनों पर आरोप लगाया कि राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ के नाम पर जालसाजी की गई है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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