टीएनपी डेस्क(Tnp desk):- इंडिया गठबंधन तो भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए बनीं है. लेकिन, जो एकता,मेल मिलाप और सहभागिता होनी चाहिए, उसकी गैरमोजूदगी और खामियां तकरीबन हर जगह दिख जाती है. हर राज्यों में कांग्रेस के साथ कुछ न कुछ खटपट उबर ही आती है. जो साथ-साथ चलने की बाते करते हैं, वही यकायक बिफर जाते हैं.
लोकसभा चुनाव की तारीख करीब आती ही सबसे बड़ा मसला गठबंधन के लिए या कहे गले की फांस सीट बंटवारा बन जाता है. इसी को लेकर किचकिच कुछ ज्यादा देखने-सुनने को मिल रही है. झारखंड में भी कुछ-कुछ ऐसी खींचतान और संमा जेएमएम और कांग्रेस के बीच बंधा हुआ है. नई दिल्ली में अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के सदस्यों और जेएमएम के प्रतिनिधियों के बीच लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई. जहां झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 7 सीटों पर दावा किया. जबकि, देखा जाए तो पिछली बार जेएमएम 4 सीट पर लड़ी थी और कांग्रेस ने 7 सीटों पर चुनाव लड़ा था. इस बार कांग्रेस 9 सीटों पर लड़ने पर दबाव बना रही है. कांग्रेस जेएमएम को पांच सीट से ज्यादा देने के मूड में नहीं है.
सात सीट पर जेएमएम का दावा
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जिन सात सीटों पर दावा जतला रही है. इनमे चाईबासा, लोहरदगा, कोडरमा, राजमहल, दुमका, जमशेदपुर और गिरिडीह की लोकसभा सीट है. इसमे जेएमएम चाईबासा, लोहरदगा और कोडरमा से अपना उम्मीदवार उतराने के मूड में है. अगर जेएमएम के दावे और तर्क को समझे तो पिछले चुनाव मे कोडरमा से जेवीएम नेता बाबूलाल मरांडी लड़ चुके थे. उनकी पार्टी झारखंड विकास मोर्चा गठबंधन का हिस्सा थी. बाद में उन्होंने अपनी पार्टी का विलय भाजपा में कर लिया था. लिहाजा, गठबंधन के तहत ये सीट खाली है. इसी पर कांग्रेस और जेएमएम नजर लगाये हुए है. जेएमएम ने कोडरमा में भाजपा के पूर्व विधायक जयप्रकाश वर्मा को भी पार्टी में शामिल किया है. जिसके चलते वह जोर शोर से अपनी बयार बहा रही है. इधर, चाईबासा सीट से कांग्रेस की गीता कोड़ा जीत चुकी है. झामुमों का इसके पीछ मानना है कि कोल्हान में पार्टी कांग्रेस की तुलना में ज्यादा जनाधार है. इन दोनों के अलावा झारखंड मुक्ति मोर्चा लोहरदगा पर भी हक अपना जता रही है. जबकि, यहां कांग्रेस ने भाजपा को कड़ी टक्कर दी थी, सुखदेव भगत दस हजार वोट से ही बीजेपी उम्मीदवार सुदर्शन भगत से हारे थे.
जेएमएम और कांग्रेस के बीच सीटों का बंटवारा क्या होगा. ये तो समय तय करेगा. लेकिन, झारखंड की 14 सीटों में एक सीट राजद और वामपंथी दलों के छोड़ने की बात हो रही है. पलामू से पिछली बार राजद ने लड़ा भी था. लिहाजा ये सीट उसे मिलने की बात हो रही है. वही वामदल को कोडरमा सीट मिल सकती है.
पिछले लोकसभा चुनाव में क्या हुआ था
पिछली बार चुनावी बिसात जब बिछी थी तो कांग्रेस झारखंड की 14 लोकसभा सीट में सबसे अधिक सात सीट पर चुनाव लड़ा था. जिसमे चाईबासा सीट पर गीता कोड़ा सिर्फ जीत पायी थी. बाकी छह सीटों में हार का सामना करना पड़ा था. वही, जेएमएम ने चार सीट पर चुनाव लड़ा, जिसमे राजमहल सीट ही निकल सकी. बाकी दो सीट पर बाबूलाल मरांडी की पार्टी जेवीएम उतरी थी और एक सीट पर राजद ने चुनाव लड़ा . झारखंड विकास मोर्चा और आरजेडी को हार का सामना करना पड़ा . भाजपा ने 14 में से 12 सीट जीत ली थी.
कांग्रेस की नजर में कोई मतभेद नहीं
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर सीट बंटवारे को लेकर कोई विवाद नहीं मानते हैं. उनकी नजर में कोई मतभेद नहीं है. कांग्रेस ने पिछली बार जहां से चुनाव लड़ा था. वहां से एकबार फिर उनके प्रत्यशी मैदान में होंगे. जल्दी ही सीट बंटवारे की कवायद पूरी हो जाएगी.
अभी कुछ भी इंडिया के सीट बंटवारें पर तय नहीं हुआ है. देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस और जेएमएम के बीच किसे कितनी सीट मिलती है. क्योंकि तय है कि कोई भी दल अधिक से अधिक सीट हासिल कर अपनी दावेदारी ज्यादा जतना चाहेगा.
रिपोर्ट- शिवपूजन सिंह
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