देवघर (DEOGHAR): देवघर के सारठ प्रखंड के कुकराहा दुबे बाबा मंदिर प्रांगण में नौ दिवसीय शिव शक्ति महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है.इस महायज्ञ में आज गोवर्द्धन पीठ पूरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती पहुंचे.शंकराचार्य ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा की भारत विश्व का हृदय है. जब भी विश्व में किसी तरह की समस्याएं आती है उसका समाधान भारत ही निकालता है.आगे कहा की 1999 में विश्व बैंक के पास कुछ समस्याएं थी जिसके लिए एक महिला पदाधिकारी को भारत भेजा था भारत ने विश्व बैंक की समस्याओं का समाधान किया. साथ ही संयुक्त राष्ट्र में हो रही समस्याओं का भी समाधान भारत ही करता रहा है. इसलिए भारत विश्व का हृदय है. भारत में स्वयं जगदीश जन्म लिए हैं. वहीं भारत शूरवीरों , देशभक्तों का देश है .भारत को कोई भी कितना ही दिशाहीन करना चाहे भारत दिशा हीन नही हो सकता.
राजनीति और धर्म एक दूसरे के पूरक हैं-शंकराचार्य
राजनीति, धर्म नीति, शास्त्र नीति ,दंड नीति इसी का नाम राजनीति है.धर्मविहीन राजनीति की कल्पना व्यर्थ है.शंकराचार्य ने कहा की वर्तमान समय में स्कूलों में वेदों की शिक्षा देनी चाहिए . जिससे बच्चों के जीवन शैली में और अधिक सुधार होगा.हर व्यक्ति का जीवन सुरक्षित, हर व्यक्ति का जीवन दुर्दशा विहीन, जनसंख्या बिना परिवार नियोजन के नियंत्रण, मातृशक्ति का सर सुरक्षित इसी का नाम तो सनातन धर्म है .इसलिए कहा जाता है कि सनातन धर्म की व्यवस्था सर्वोपरि है.
कृषि यंत्र नही,गौवंश की उपयोगिता पूर्व की तरह ही
शंकराचार्य ने गौ हत्या के मामले में कहा कि कृषि में यांत्रीकरण से गोवंश पशुओं की उपयोगिता कम हुई है .हमें चाहिए कृषि कार्यों में गोवंशीय पशुओं की उपयोगिता को पूर्व की भांति सुनिश्चित करें जिससे गो हत्या में रोक आएगी . उन्होंने आगे कहा कि सत्ता की लोलुपता के कारण कुछ राजनेता हिंदू को अल्पसंख्यक बनाने में लगे हुए हैं .नेता की सत्ता लोलुपता के कारण ही कुछ अराजक तत्व हिंदुओं को धर्मांतरण करवा रहे हैं . जिस पर कड़ाई से लगाम लगाने की आवश्यकता है . साथी कहा की तीर्थ स्थलों को पर्यटन स्थलों में तब्दील करने से दुकानदारों व्यवसाईयों को फायदा होगा परंतु तीर्थ स्थल तपोभूमि है पर्यटन स्थल बनाने पर इसकी दिशाहीनता स्वाभाविक है.
रिपोर्ट. रितुराज सिन्हा
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