टीएनपी डेस्क (TNP DESK):-झारखंड जामताड़ा जिला देश-दुनिया में साइबर क्राइम के नाम पर बदनाम है. अब जामताड़ा के अलावा भी देश में कई जगहों पर साइबर क्राइम की जड़े फैलते जा रही है. इसके चलते एक आम इंसान जो जागरुक नहीं है. वह ठगी का शिकार बनता जा रहा है. इसके साथ ही शातिर साइबर अपराधी भी अपने धंधे को चमकाने के अलग-अलग तरीके अपना रहें हैं. इनकी जद में नामचीन से लेकर एक आम इंसान भी फंस जा रहा है. साइबर दुनिया के ये अपराधी इतने दिलेर हो गये हैं, कि इनके दिल में कोई डर नहीं रह गया है. ऐसा ही कुछ रांची के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा के साथा हुआ. जिसे साइबर ठगों ने अपनी चपेट में लिया है . दरअसल, उपायुक्त साहब के नाम पर फर्जी फेसबुक बनाकर साइबर अपराधी अलग-अलग हालात का हावाला देकर लोगों से पैसे की मांग कर रहें हैं.
हरकत में जिला प्रशासन
रांची डीसी के नाम से इस तरह के फ्रांड पर उपायुक्त कार्यालय और प्रशासन हरकत में आ गया है. डीसी ऑफिस ने आम लोगों से गुजारिश की है कि डिप्टी कमिश्नर ऑफ रांची के फेक फेसबुक प्रोफाइल से किसी तरह का मैसेज आने पर पैसों का ट्रांजैक्शन ना करें. इसके साथ ही अपील भी की गई है कि किसी भी प्रकार के संदेह होने पर तुरंत इस मामले की रिपोर्ट करें. जिला प्रशासन ने इस तरह साइबर अपराधियों की हरकत पर लोगों को सचेत रहने के लिए कहा. डीसी कार्यालय ने रांची उपायुक्त के सही फेसबुक अकाउंट को पहचानने का तरीका भी लोगों के साथ साझा किया . जिसमे ये बताया गया कि 10 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं और इस पेज से सिर्फ 02 लोगों को फॉलो किया जाता है. इसके साथ ही कई तरह की जानाकारियां लोगों के साथ शेयर की गई ताकि किसी तरह की ठगी में आम लोग नहीं फंसे
सख्त कार्रवाई का निर्देश
रांची उपायुक्त के फर्जी फेसबुक पेज बनाने के बाद डीसी ऑफिस पूरी तरह से एक्शन मोड में आ गया है. जिला प्रशासन ने साफ कर दिया है कि साइबर ठगों को बख्शा नहीं जाएगा. उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. लोगों से धोखाधड़ी करने वाले ये लोग कानून की नजर से बच नहीं पायेंगे. उनके खिलाफ कानूनी प्रक्रिया अपनाई जा रही है.
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